लखनऊःउत्तर प्रदेशपरिवहन विभाग ने सड़क हादसों को रोकने के लिए अब विशेष कंसलटेंटस की तैनाती किए जाने की तैयारी है. प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंसी सर्विसेज फॉर रोड सेफ्टी एक्टिविटीज के तहत अलग-अलग विभागों के कंसलटेंट रोड सेफ्टी के तहत नियुक्त किए जाएंगे. यह सभी कंसलटेंट उत्तर प्रदेश को रोड नेटवर्क डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत काम करेंगे. परिवहन आयुक्त कार्यालय पर वर्ल्ड बैंक से सभी आधा दर्जन कंसलटेंट की तैनाती होगी.
इसके लिए उनके अलग-अलग सेल भी तैयार किए जा रहे हैं. इन सभी कंसल्टेंट को लक्ष्य दिया गया है कि वे सड़क सुरक्षा से जुड़े उन बिंदुओं पर विशेष तौर से काम करें जिससे सड़क हादसों पर नियंत्रण स्थापित किया जा सके. वर्ल्ड बैंक की तरफ से नियुक्त इन सभी सलाहकारों को वेतन परिवहन विभाग देगा. बाद में इसकी भरपाई विश्व बैंक करेगा.
परिवहन विभाग सड़क हादसों को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन हादसों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है. इन हादसों के लिए सिर्फ एक ही विभाग की जिम्मेदारी नहीं होती है, बल्कि कई विभाग इंवॉल्व होते हैं, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार सिर्फ परिवहन विभाग को ही माना जाता है. सड़क हादसों में कमी लाने के लिए अब विभाग की तरफ से कई प्रयास भी शुरू किए गए हैं, जिसमें विश्व बैंक अब परिवहन विभाग की सहायता कर रहा है.
विश्व बैंक की तरफ से अलग-अलग एक्सपर्ट तैनात किए जा रहे हैं. कैसरबाग स्थित परिवहन आयुक्त मुख्यालय पर रोड सेफ्टी के लिए नियुक्त कंसलटेंट के लिए रोड सेफ्टी सेल भी स्थापित किया जा रहा है. दो कंसलटेंट अब तक लखनऊ में तैनात किए जा चुके हैं, जो सर्वे कर काम कर रहे हैं.
ये बनाए गए कंसलटेंट
रामक्षराजू बुद्धाराजू को रोड सेफ्टी इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट कम टीम लीडर बनाया गया है. गगन आनंद को ट्रांसपोर्ट रेगुलेशन स्पेशलिस्ट बनाया गया है. डीपी सास्ते को ड्राइवर लाइसेंसिंग टेस्टिंग एंड व्हीकल रजिस्ट्री मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट बनाया गया है. भाविन शाह को रोड सेफ्टी ट्रेनिंग स्पेशलिस्ट बनाया गया है. राहुल तिवारी को आईटी आईसीटी मैनेजर बनाया गया है. एके मिश्रा को प्रेक्योयरमेंट स्पेशलिस्ट बनाया गया है. इसके अलावा डॉ. योगेश माहोर को सोशल एक्सपर्ट और डॉ. दीपक त्रिपाठी को एनवायरनमेंट एक्सपर्ट बनाया गया है.
परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि जो दो कंसलटेंट अब तक नियुक्त हुए हैं उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया है. प्रदेश का सर्वे कर अपनी रिपोर्ट दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि पांच साल तक के लिए कंसलटेंट नियुक्त किया जा रहे है. सभी को वेतन परिवहन विभाग की तरफ से दिया जा रहा है और बाद में विश्व बैंक की तरफ से इसकी भरपाई परिवहन विभाग को की जाएगी.
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