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झलकारी बाई अस्पताल में एचडीयू की सुविधा जल्द, चल रहा निर्माण कार्य - लखनऊ खबर

लखनऊ के हजरतगंज स्थित वीरांगना झलकारी बाई महिला चिकित्सालय में जल्द हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) की सुविधा मिल सकेगी. झलकारी बाई अस्पताल में हाई डिपेंडेंसी यूनिट यानी एचडीयू के निर्माण का कार्य चल रहा है. इससे प्रसूताओं को अब अन्य जगह नहीं जाना पड़ेगा.

झलकारी बाई अस्पताल में चल रहा हाई डिपेंडेंसी यूनिट का निर्माण
झलकारी बाई अस्पताल में चल रहा हाई डिपेंडेंसी यूनिट का निर्माण

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Published : Mar 16, 2021, 8:45 PM IST

लखनऊ: राजधानी के हजरतगंज स्थित वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल में हाई डिपेंडेंसी यूनिट यानी एचडीयू के निर्माण का कार्य चल रहा है. इससे प्रसूताओं को अब अन्य जगह नहीं जाना पड़ेगा. पुराने लेबर रूम का नवीनीकरण करके वहां एसडीओ बनाया जा रहा है. झलकारी बाई अस्पताल में गर्भवतियों की संख्या ज्यादा रहती हैं. एचडीयू के निर्माण हो जाने के बाद यहां पर सीरियस केस को भी देखा जा सकता है. क्योंकि, पहले यहां पर एचडीयू का निर्माण नहीं हुआ था और जब भी कभी प्रसूता सीरियस स्टेज पर होती थी तो, यहां से उन्हें क्वीन मेरी अस्पताल में रेफर कर दिया जाता था.

अब अस्पताल में ही होगा सीरियस के हैंडल
अस्पताल की सीएमएस डॉ रंजना खरे बताती हैं कि अस्पताल में हाई डिपेंडेंसी यूनिट का निर्माण कार्य चल रहा है. पहले यहां पर एचडीयू नहीं था, जिसकी वजह से जब भी कभी प्रसूता की हालत ज्यादा गंभीर हुआ करती थी तो अन्य अस्पतालों में उसे रेफर कर दिया जाता था. लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा. अब अस्पताल में एसडीओ का निर्माण कर चल रहा है. लगभग 2 महीने में यह कार्य पूरा हो जाएगा. जिसके बाद अस्पताल में सीरियस केस को भी देखा जा सकेगा. इसके लिए शासन की तरफ से बजट भी आ चुका है और निर्माण कार्य चल रहा है. गंभीर अवस्था वाली प्रसूताओं को अभी तक रेफर करने के अलावा अस्पताल के पास कोई विकल्प नहीं बचता है, इसलिए एसडीओ की ज्यादा जरूरत पड़ी. ताकि प्रसूताओं का इलाज सही तरीके से हो सके.

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अस्पताल में कुल 72 बेड
झलकारी बाई अस्पताल में वर्तमान में कुल 72 बेड हैं. अभी तक गंभीर प्रसूताओं को भी सामान्य वार्ड में ही रखा जाता है और जब भी कभी कोई भी प्रसूता की हालत गंभीर होती थी तो उसे केजीएमयू के क्वीन मेरी अस्पताल में रेफर कर दिया जाता था. एसडीओ का निर्माण लगभग 2 महीने में पूरा हो जाने के बाद यहां पर गंभीर प्रसूताओं को देखा जाएगा. एसडीयू में प्रशिक्षित स्टाफ के साथ ही स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ 24 घंटे वहां मौजूद रहेंगी.

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