लखनऊःराजधानी में शहीद पथ को सीधे एयरपोर्ट से जोड़ने वाला फ्लाईओवर अधिकारियों की अदूरदर्शिता की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है. एयरपोर्ट लिंक फ्लाईओवर का 73% काम पूरा होने के बावजूद सेतु निर्माण निगम, लखनऊ विकास प्राधिकरण व पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के तालमेल की कमी की वजह से अधर में लटका हुआ है. इसकी वजह से एयरपोर्ट जाने वाले यात्रियों को वीआईपी वाहनों के कारण जाम की स्थिति से जूझना पड़ रहा है. कभी-कभी जाम होने की वजह से यात्रियों की फ्लाइट भी मिस हो जाती है.
शहीद पथ से एयरपोर्ट को जोड़ने वाला लिंक फ्लाईओवर जो कि 135 करोड़ रुपये की लागत से बनना था. इसके बनने से एयरपोर्ट आने वाले यात्रियों को काफी राहत मिलने वाली थी. इसके साथ -साथ कानपुर रोड पर वीआईपी वाहनों के निकलने के समय लगने वाले जाम से भी छुटकारा मिलने की उम्मीद है लेकिन जमीन के विवाद के कारण यह प्रोजेक्ट अधर में फंसा हुआ है.
इस फ्लाईओवर को बनाने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण के 12 प्लॉट तथा किसानों की जमीन अधिग्रहित करनी थी लेकिन अभी तक ना तो लखनऊ विकास प्राधिकरण के आवंटियों को मुआवजा दिया गया है और ना ही किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है. इसके कारण लखनऊ विकास प्राधिकरण अपने प्लॉट से फ्लाईओवर ले जाने में अड़चन पैदा कर रहा है.
व्यय वित्त समिति ने लखनऊ विकास प्राधिकरण को प्लॉट का मुआवजा देने से इनकार कर दिया था लेकिन लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने साफ कर दिया है कि उनके आवंटियों को बिना मुआवजा दिए फ्लाईओवर का निर्माण नहीं हो सकता.
एयरपोर्ट फ्लाईओवर के बनने में मंदिर तालाब व श्मशान घाट की जमीन का समाधान सेतु निर्माण निगम ने निकाल लिया है. इसके लिए 96 मीटर का स्टील स्पेन बनाना तय किया गया है, जिससे श्मशान व तालाब की जमीन पर कोई भी पिलर नहीं लगेगा. इससे मंदिर श्मशान में तालाब की जमीन प्रभावित नहीं होगी.
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एयरपोर्ट लिंक फ्लाईओवर का काम पूरा करने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण, पीडब्ल्यूडी और सेतु निर्माण निगम के अधिकारियों के बीच बातचीत जारी है. सेतु निर्माण निगम, लखनऊ विकास प्राधिकरण के प्लॉटों को बहुत कम प्रभावित करते हुए फ्लाईओवर बनाने का विचार कर रहा है. इसके लिए फ्लाईओवर की डिजाइन बदलने पर भी सहमति बन सकती है.