लखनऊ: दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड में ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों की भविष्य निधि का 2,600 करोड़ रुपया डूबने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ महात्मा गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया. इस दौरान धरने का नेतृत्व कांग्रेस के लखनऊ प्रभारी और प्रदेश सचिव रमेश शुक्ल ने किया.
बातचीत करते कांग्रेस प्रदेश सचिव. इसे भी पढ़ें-पर्चा वितरण, जनसुनवाई और थाली बजाकर कांग्रेस करेगी भाजपा का विरोध
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को बर्खास्त किए जाने और ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग कर रहे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए. प्रदर्शनकारियों ने खुलकर आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बिजली विभाग के कर्मचारियों की भविष्य निधि के साथ हो रहे घोटाले को आसानी से अंजाम पर पहुंचने दिया.
कांग्रेस ने लगाया सरकार पर आरोप
कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार चाहती तो इस घोटाले को रोक सकती थी, लेकिन पूरे ढाई साल तक सरकार खामोश रही. जब डीएचएफएल कंपनी दिवालिया घोषित हो गई तब भी सरकार ने कार्रवाई नहीं की. जुलाई 2019 में शिकायत मिलने के बावजूद सरकार ने पूरे मामले को दबाए रखा और आखिर में दो निचले दर्जे के अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कर मामले को दबाने की कोशिश कर रही है.
कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कहा कि इस पूरे मामले में कांग्रेस कार्यकर्ता चुप नहीं बैठेंगे. हर हालत में प्रदर्शन और आंदोलन किया जाएगा. इसके साथ ही सरकार को बिजली कर्मचारियों के भविष्य का पैसा वापस लाना होगा. सरकार ऊर्जा विभाग की स्थिति पर श्वेत पत्र लेकर आए और जनता को बताए कि किस तरह घोटाला हुआ और उसमें कौन-कौन दोषी है.