लखनऊ:बसपा अध्यक्ष मायावती ने अनुच्छेद 370 पर एक बार फिर सत्ता पक्ष के फैसले का समर्थन और विपक्ष को आड़े हाथों लिया है. कांग्रेसी नेताओं का जम्मू कश्मीर जाने का सीधे तौर पर मायावती ने विरोध किया और कहा कि ऐसे ही विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार व जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल को राजनीति करने का मौका दिया है.
मायावती के समर्थन से कांग्रेस खफा. मायावती के इस प्रकार से कांग्रेस पर हमला करने को लेकर सत्ता के गलियारे में सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि आखिर क्या वजह है कि भाजपा की धुर विरोधी बसपा आजकल उसके समर्थन में खड़ी हुई दिखाई दे रही है. हालांकि मायावती ने स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 लागू किए जाने के पक्ष में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर कभी भी नहीं थे.
मायावती ने ट्वीट करके कहा है कि जैसा की विदित है कि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर हमेशा ही देश की समानता एकता और अखंडता के पक्षधर रहे हैं, इसलिए वह जम्मू-कश्मीर राज्य अलग से अनुच्छेद 370 का प्रावधान करने के कतई भी पक्ष में नहीं थे. इसी खास वजह से बीएसपी ने संसद में इस अनुचछेद को हटाए जाने का समर्थन किया.
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मायावती ने आगे कहा कि लेकिन देश में संविधान लागू होने के लगभग 69 वर्षों के उपरांत ही धारा 370 की समाप्ति के बाद अब वहां पर हालात सामान्य होने में थोड़ा समय अवश्य ही लगेगा. इसका थोड़ा इंतजार किया जाए तो बेहतर है, जिसको लेकर माननीय कोर्ट ने भी माना है.
पूर्व सीएम मायावती ने कहा कि ऐसे में अभी हाल ही में बिना अनुमति के कांग्रेसी व अन्य पार्टी के नेताओं का कश्मीर जाना क्या केंद्र व वहां के गवर्नर को राजनीति करने का मौका देने जैसा उनका पता नहीं है ? वहां जाने से पहले इस पर भी थोड़ा विचार कर लिया जाता, तो यह उचित होता।
मायावती स्पष्ट करें कि जम्मू-कश्मीर की जनता के साथ है या नहीं. वहां टेलीफोन सेवा बाधित है, मोबाइल सेवा बाधित है. वहां की जनता घर से बाहर नहीं निकल सकती. इस पर मायावती की क्या राय है, उन्हें स्पष्ट करना चाहिए. मायावती को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी ऐसी कौन सी मजबूरी है जो भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़ी हुई दिखाई दे रही हैं.
द्विजेन्द्र त्रिपाठी, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस
जम्मू-कश्मीर में अनुछेद 370 समाप्त किये जाने के बाद से वहां स्थितियां धीरे-धीरे सुधर रही हैं. यह बात सभी को पता है, अगर किसी को नहीं पता है तो वह हैं राहुल गांधी. यह फैसला देश के हित में हुआ है, इसलिए बहुत से लोग इस फैसले के साथ हैं. वह चाहे किसी भी विचारधारा के हों, इसलिए इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, राजनीति देश से ऊपर नहीं है.
संजय राय, प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी
दरअसल बहुजन समाज पार्टी भाजपा की राजनीतिक प्रतिद्वंदी घोर विरोधी पार्टियों में से एक है. बावजूद इसके बसपा आजकल भाजपा के साथ, खासकर अनुच्छेद 370 मसले पर दिखाई दे रही है. यही वजह है कि सवाल उठ रहे हैं कि पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बसपा अध्यक्ष मायावती के भाई आनंद की करीब 400 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी. इस कार्रवाई को भी मायावती से जोड़कर देखा जा रहा है.