लखनऊ:कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' अभियान का उपहास उड़ाने को लेकर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि यह भाजपा के पहले नेता नहीं है जिन्होंने ऐसा किया, पर आखिर भाजपा ऐसा क्यों कर रही है? उनको लड़कियों के सशक्तिकरण से क्या दिक्कत है? बात साफ है वह इस अभियान पर हमला कर रहे हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि महिलाएं स्वतंत्र हों. सशक्त नारी शक्ति से केवल नड्डा जी ही नहीं उनकी पूरी पार्टी डरती है. उन्होंने कहा कि नड्डा जी महिलाएं सिर्फ कुरीतियों के खिलाफ संकुचित मानसिकता के खिलाफ ही नहीं लड़ रहीं, सबसे बड़ी लड़ाई अपने हक की लड़ाई है, वह समानता की लड़ाई लड़ रही हैं. समान शिक्षा और अवसरों की लड़ाई लड़ रही हैं और अब वह रुकने वाली नहीं.
महिलाओं को चूल्हे, चौके तक ही समझती है भाजपा
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि दुर्भाग्य से नड्डा और भाजपा को लगता है कि महिलाएं केवल एक बाथरूम और एक गैस सिलेंडर के लायक हैं. बार-बार शौचालय और गैस सिलेंडर का हवाला देकर आखिर भाजपा क्या सिद्ध करना चाहती है? शौचालय एक अधिकार है ,एक सुविधा है. किसी भी सरकार की जिम्मेदारी है यह महिलाओं के ऊपर कोई उपकार नहीं है. इसी मानसिकता को बदलने की प्रियंका गांधी ने ठानी है. वह लड़कियों के लिए एक सुरक्षित परिवेश की बात करती हैं. जहां वह उन्मुक्त हों, हौसले की ऊंची उड़ान भरें. उन्होंने लड़कियों के लिए नौकरी, शिक्षा, स्वावलंबन, सम्मान, सुरक्षा की क्रांति का आह्वान किया है. इसी बात से भाजपा परेशान है. भाजपा के नारी सशक्तिकरण की असलियत तो यह है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की 80 फीसद राशि तो मोदी जी अपने विज्ञापन में ही उड़ा देते हैं. सुप्रिया श्रीनेत ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा से कुछ सवाल भी पूछे हैं.
यह हैं कांग्रेस पार्टी के सवाल
उन्होंने पूछा कि चाहे रैलियां हो या शक्ति संवाद, महिलाओं का इतनी बड़ी संख्या में आना इस बात का प्रमाण है कि वह एक शौचालय नहीं अपने सारे हक पाने के लिए लड़ने को तैयार हैं. क्या आप उनका हक देने के लिए तैयार हैं?
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि नड्डा जी आप शौचालय और एक मुफ्त गैस सिलेंडर मात्र से महिलाओं के वजूद को नकारना कब बंद करेंगे? कांग्रेस ने इस देश को पहली महिला मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और लोकसभा की सभापति दी. आपने और आपकी पार्टी ने क्या किया?
पिछले साढ़े सात सालों में तो मोदी जी ने महिलाओं की कोई टोह नहीं ली. अब अचानक केवल महिलाओं की रैली क्यों कर रहे हैं? क्यों प्रशासन को बस में भरकर महिलाओं का एकत्रित करना पड़ रहा है. यह अचानक नकद हस्तांतरण की घोषणा क्यों कर रहे हैं?