लखनऊ :उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र छोटा होने को लेकर कांग्रेस ने योगी सरकार को घेरा. यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने शनिवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि सरकार खुद ही विधानसभा सत्र चलाने के लिए नियमावली का उल्लंघन कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने विधानसभा की नई नियमावली बनाई, जिसमें कोई भी सत्र 10 दिन चलने की बात कही और खुद ही उसे नहीं माना. चार दिन के चले सत्र में प्रदेश की जनता के मुद्दों को कैसे उठाया जा सकता है.
'मुद्दों पर चर्चा करने से बचना चाहती है सरकार' :उन्होंने कहा कि 'आज प्रदेश में खराब स्वास्थ्य सेवा, बढ़ती महंगाई, 69 हजार शिक्षक भर्ती घोटाला, यूपी 112 की महिला कर्मियों के धरना प्रदर्शन और लगातार गिरती हुई कानून व्यवस्था जैसे कई प्रमुख मुद्दे प्रदेश में चल रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार इन सब मुद्दों पर चर्चा करने से बचना चाहती है, इसलिए अपनी ही नियमावली को तोड़कर केवल तीन दिन ही चर्चा कर सत्र को समाप्त कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा सत्र में जितने भी सवाल पूछे जाते हैं सरकार उसका गोल-मोल जवाब दे रही है. जनता से जुड़े मुद्दे जैसे गन्ना पेराई का भुगतान हो, अस्पतालों में गिरती स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली हो या महिला सुरक्षा की बात हो सरकार किसी भी मुद्दे पर जवाब नहीं दे रही है.'
'यूपी में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल' : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि 'सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग की बात करता हूं. खुद उनकी डबल इंजन की सरकार के द्वारा बनाई गई नीति आयोग की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. नीति आयोग ने कहा है कि स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है. स्थिति यह है कि देश के 19 राज्यों की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था में उत्तर प्रदेश का नंबर 18 पर आता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार में भारी भरकम स्वास्थ्य मंत्री व डिप्टी सीएम बृजेश पाठक की स्थिति यह है की भाजपा नेता ने अपने बेटे को पीजीआई में भर्ती करने को कहा था. डिप्टी सीएम ने उन्हें आश्वासन भी दिया था, लेकिन जब वह अपने बेटे को लेकर पीजीआई पहुंचे तो वह उनके बेटे को ही वहां नहीं एडमिट करा पाए, जिसके कारण इलाज न मिलने से पूर्व सांसद के बेटे की मृत्यु हो गई. जब डिप्टी सीएम की आश्वासन पर पूर्व सांसद के बेटे को ही उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में इलाज नहीं मिल रहा हो तो आप बाकी जिलों में क्या स्थिति होगी?, इसका अंदाजा लगा सकते हैं.'
'सरकार में प्रदेश का किसान परेशान' :कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में जरूरतमंदों को दवाई समय पर नहीं मिल पा रही है. प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 500 चिकित्सकों की जगह खाली है, लेकिन भर्ती नहीं की गई, केवल संविदा पर रखा गया है. 500 करोड़ की लागत से गौतमबुद्ध नगर में अस्पताल बना खड़ा है, लेकिन अभी तक वह शुरू नहीं हो पाया. अजय राय ने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आज इस सरकार में प्रदेश का किसान परेशान है. 10 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि से बाहर किया गया. गन्ना किसानों को गन्ना भुगतान पूरा नहीं मिल पाया. अक्टूबर तक के चार हजार करोड़ रुपये का भुगतान बाकी है. गन्ना समर्थन मूल्य में ₹10 की बढ़ोतरी हुई है.'