लखनऊ: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को एमपी-एमएलए कोर्ट से जमानत की राहत नहीं मिल सकी. एक हजार बसों को उपलब्ध कराए जाने के मामले में सरकारी वकील की बहस सुनने के बाद अदालत ने जमानत याचिका रद्द कर दी है. कांग्रेस ने अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है.
अजय कुमार लल्लू को नहीं मिली जमानत, अब हाईकोर्ट जाएगी कांग्रेस - अजय कुमार लल्लू को नहीं मिली बेल
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को एमपी-एमएलए कोर्ट से जमानत नहीं मिली. वहीं अब कांग्रेस ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है.
दरअसल, प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक भेजने के लिए कांग्रेस ने योगी सरकार को एक हजार बसों के संचालन का प्रस्ताव दिया था. बसों की सूची को लेकर सरकार ने फर्जीवाड़े का आरोप कांग्रेस पर लगाया है. इसी मामले में राजधानी लखनऊ के हजरतगंज थाने में एक प्राथमिकी संभागीय परिवहन अधिकारी की ओर से प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के खिलाफ दर्ज हुई है. इसी मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू 20 मई से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में कैद हैं.
सोमवार कोई एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने जमानत याचिका पर सरकारी पक्ष के वकील और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की ओर से उपस्थित अधिवक्ताओं को सुना. दोनों पक्षों को सुनने के बाद उन्होंने देर शाम जारी फैसले के तहत जमानत याचिका रद्द कर दी. कांग्रेस के प्रशासन प्रभारी सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने कहा कि अदालत का फैसला निराशाजनक है, लेकिन कांग्रेसी हार मानने वाली नहीं है. कांग्रेस अब हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर इंसाफ की गुहार लगाएंगे.