उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

Bharat Jodo Yatra : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 2.0 की तैयारी, इन पर रहेगा फोकस

कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए पार्टी भारत जोड़ो यात्रा 2.0 (Bharat Jodo Yatra) शुरू करने की तैयारी कर रही है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Feb 10, 2023, 4:11 PM IST

लखनऊ : कांग्रेस अब 'भारत जोड़ो यात्रा 2.0' करने की तैयारी कर रही है. इस यात्रा के दौरान कांग्रेस विशेष रूप से 2024 के लोकसभा चुनाव पर फोकस करेगी. अगले लोकसभा चुनाव में करीब एक साल का समय बचा है. ऐसे में कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण में चुनावी समीकरण साधने की कोशिश करेगी. जिसमें विशेष तौर पर आधी सीटों पर फोकस रखा गया है, उसमे भी जो सीट आरक्षित उन पर पार्टी का फोकस ज्यादा है. रायबरेली व अमेठी लोकसभा सीट के तर्ज पर पार्टी विशेष तौर पर ओबीसी, एससी-एसटी की आरक्षित सीटों के साथ अल्पसंख्यक बहुल वाली सीटों पर भी पर खास रणनीति के तहत काम करेगी.


सूत्रों के अनुसार, यह यात्रा पश्चिम से पूर्वोत्तर की दिशा में होगी. पार्टी इसके लिए पूरी रूपरेखा तैयार कर रही है. कांग्रेस भले ही भारत जोड़ो यात्रा को गैर राजनीतिक यात्रा बता रही हो पर इस चुनावी साल में पार्टी यात्रा के दूसरे भाग को कहीं न कहीं अपनी रणनीति में भी शामिल करने की कोशिश में जुटी हुई है. इसलिए पश्चिम से पूरब की ओर चलने वाली इस प्रस्तावित भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण में आने वाली 272 लोकसभा सीटों पर पार्टी पूरा फोकस कर रही है. पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनाव में 272 लोकसभा सीटों में से केवल 10 सीटें ही मिली थीं, जिसमें से उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में उसे एक लोकसभा सीट से संतोष करना पड़ा था, वहीं मध्य प्रदेश में एक व पश्चिम बंगाल में दो, बिहार में एक लोकसभा की सीट मिली थी. पार्टी अब इन्हीं 272 सीटों पर फोकस कर भारत जोड़ो यात्रा की रणनीति तैयार कर रही है. साथ ही इस दौरान जिन स्टेट में भी विधानसभा चुनाव साल के आखिर में होना है को लेकर भी विशेष रणनीति तैयार कर रही है.

56 सीटों पर विशेष तौर पर नजर :दूसरे चरण में जिन राज्यों से यात्रा निकलेगी वहां आरक्षित 121 सीटों में से 56 सीटें एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. यात्रा के दौरान जो 12 राज्य पड़ेंगे उसमें 28-28 सीटें इन दोनों वर्गों के लिए है. पार्टी 2009 के लोकसभा चुनाव में यहां पर दूसरे नंबर पर थी. ऐसे में पार्टी दोबारा से इन सीटों पर जीत हासिल करने के लिए यात्रा के माध्यम से इन सीटों पर अपना फोकस बढ़ाना चाह रही है. साथ ही पार्टी आरक्षित सीटों पर कैंडिडेट तय करने के लिए समन्वयकों की ट्रेनिंग के लिए एक प्रोग्राम की शुरुआत करने जा रही है. जिसे 'नेतृत्व विकास' का नाम दिया गया है. जिसे पार्टी जल्द ही लांच करने की तैयारी में है. इसके अलावा इस सीटों पर किस प्रत्याशी को तैयार किया जाए, उसका क्या प्रभाव है, इस पर भी पार्टी ने अभी से काम शुरू कर दिया है. कांग्रेस की फोकस वाली सीट अनुसूचित जाति में पांच राज्यों त्रिपुरा, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश में विधानसभा की 245 एससी-एसटी सीट्स की पहचान की है, जहां 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं. 2014 व 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी की हिस्सेदारी काफी नीचे गिरी है. जिसको देखते हुए पार्टी ने आरक्षित सीटों पर अपना फोकस दोबारा से बनाया है, ताकि अपने खोए हुए वोट बैंक को दोबारा से हासिल किया जा सके. इस वर्ग के लोगों ने जब से कांग्रेस का साथ छोड़ा है. तब से कांग्रेस को चुनाव में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

'हाथ से हाथ जोड़ो अभियान' पर पार्टी का फोकस :भारत जोड़ो यात्रा के समापन के बाद कांग्रेस ने इसके मोमेंटम को बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में 'हाथ से हाथ जोड़ो अभियान' की शुरूआत की है, जो 26 जनवरी से शुरू होकर 27 मार्च तक चलेगी. इस यात्रा के माध्यम से पार्टी ने उत्तर प्रदेश में खास तौर पर विशेष अभियान चलाया है, जो एससी-एसटी अल्पसंख्यक या ओबीसी बहुल हो. पार्टी के वरिष्ठ नेता, प्रांतीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष विशेष रूप से इन सीटों पर जाकर इस अभियान को अपने नेतृत्व में आयोजित कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें : Global Investors Summit 2023 : सीएम योगी ने निवेशकों से कहा, यूपी में 32 लाख 92 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले

ABOUT THE AUTHOR

...view details