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जनता का देश के पीएम और यूपी के सीएम से भरोसा उठ चुका है : कांग्रेस

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Published : Nov 21, 2021, 9:18 PM IST

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने बीजेपी व यूपी सरकार पर उठाए सवाल. कांग्रेस प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने कहा यूपी की 70 प्रतिशत ब्यूरोक्रेसी सीएम को नकार चुकी है.

कांग्रेस प्रवक्ता मोहन प्रकाश
कांग्रेस प्रवक्ता मोहन प्रकाश

लखनऊ :कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश रविवार को लखनऊ पहुंचे. लखनऊ दौरे पर पहुंचे कांग्रेस प्रवक्ता मोहन राकेश ने बीजेपी और यूपी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव परिवर्तन का सिग्नल है.देश की जनता बीजेपी की मौजूदा सरकार के खिलाफ हो चुकी है. बीजेपी की सरकार में कोई वर्ग ऐसा नहीं है जिसका अपमान मुख्यमंत्री या उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने न किया हो. सभी वर्गों के खिलाफ उत्पीड़न और अत्याचार हुआ है.

इस बीच प्रियंका गांधी इस प्रदेश के अंदर संघर्ष के प्रतीक के रूप में उभरीं हैं. हाथरस हो, रॉबर्ट्सगंज हो या लखीमपुर हो जहां भी उत्पीड़न हुआ है. वहां पर प्रियंका गांधी पहुंची हैं और पूरी कांग्रेस पार्टी को एक नए सिरे से उन्होंने खड़ा किया है.

कांग्रेस प्रवक्ता मोहन प्रकाश

मोहन प्रकाश ने कहा कि यूपी में बीजेपी सरकार दोबारा आने वाली नहीं है. वरुण गांधी के कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह फैसला वरुण गांधी को करना है. उन्होंने कहा कि मैं कह रहा हूं 50 फीसदी कार्यकर्ता बीजेपी का उदासीन है. जिस पार्टी का कार्यकर्ता उदासीन होता है, वह पार्टी कभी भी चुनाव में नहीं जीतती है. ब्यूरोक्रेसी, महिलाएं और 2014 के बाद वाला वोटर सभी बीजेपी की सरकार के खिलाफ है.

सीएम योगी का कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि पांच साल में सीएम योगी ने कुछ नहीं किया है. उन्होंने कहा कि चुनाव आते ही सीएम योगी को अब्बाजान याद आ रहे हैं. यूपी के सीएम की सम्मानजनक भाषा होनी चाहिए थी. पहले विरोधी दलों के लिए भी अच्छी भाषा होती थी, लेकिन योगी सरकार ने कोई वर्ग ऐसा नहीं छोड़ा जिसका अपमान न किया हो.

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प्रदेश की 70 फीसदी ब्यूरोक्रेसी इस सरकार के खिलाफ है. बीजेपी की मोदी और योगी के नेतृत्व वाली सरकार का कोई मूल्य नहीं हैं. जनता इनको नकार चुकी है, निष्पक्ष चुनाव होगा तो न दिल्ली में मोदी होंगे और न लखनऊ में योगी होंगे. इनके शब्द अब अर्थ खो चुके हैं. यही वजह है कि किसान भरोसा नहीं कर रहा है.

पहले मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री की जुबां से जो शब्द निकल जाता था. जनता उसको तुरंत कानून के रूप में स्वीकार कर लेती थी, लेकिन वर्तमान में प्रधानमंत्री का कोई यकीन ही नहीं कर रहा है. इनके शब्द अब अर्थ खो चुके हैं.

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