UP Assembly Election 2022: कांग्रेस का आरएलडी से हो सकता है गठबंधन! दीपेंद्र हुड्डा लगा रहे हैं जोर
किसान आंदोलन (Farmers Movement) के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी (RLD) की स्थिति मजबूत होता देख दूसरे दल विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2022) के मद्देनजर जंयत चौधरी (Jaynt Chaudhari) को साथ लाने की कवायद में हैं. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और आरएलडी के गठबंधन की सुगबुगाहट के बीच कांग्रेस (Congress Party) ने जयंत को अपने पाले में लाने के लिए सिक्का उछाला है. कांग्रेस पार्टी ने राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा (Rajya Sabha MP Dipendra Hudda) को जयंत चौधरी से बात करने के लिए लगाया है.
राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा और जयंत चौधरी.
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Published : Oct 25, 2021, 6:47 PM IST
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Updated : Oct 25, 2021, 7:21 PM IST
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और रालोद (RLD) का गठबंधन लगभग तय माना जा रहा था, लेकिन हर बार अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से जब सवाल पूछा जाता है कि रालोद को कब और कितनी सीटें देंगे तो इस पर जवाब देने से अखिलेश कतराते रहे हैं. जयंत चौधरी भी अभी खुलकर गठबंधन को लेकर बयान नहीं दे पाए हैं. ऐसे में अब चर्चाएं तेज हो गई है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन (Congress and Rashtriya Lok Dal alliance) हो सकता है. रालोद से गठबंधन के लिए कांग्रेस के नेता दीपेंद्र हुड्डा (Rajya Sabha MP Deepender Hooda) पूरा जोर लगा रहे हैं.
सूत्र बताते हैं कि बात भी काफी हद तक बन गई है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने दीपेंद्र हुड्डा को आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का सदस्य नियुक्त किया है. सालों से कांग्रेस के गठबंधन को लेकर रालोद के नेता कहते हैं कि यह तो शीर्ष नेतृत्व तय करेगा. फिलहाल, हमारा वैचारिक गठबंधन समाजवादी पार्टी के साथ है, जल्द ही सीटों का भी फैसला हो जाएगा.
कांग्रेस से हो सकता है आरएलडी का गठबंधन
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है. सभी राजनीतिक दल जनता को लुभाने के लिए मैदान में उतर पड़े हैं. गठबंधन को लेकर भी आपस में एक-दूसरे से मंथन चल रहा है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के साथ राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन लगभग तय माना जा रहा था, लेकिन हाल के दिनों में प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की यूपी में सक्रियता ने आरएलडी को कांग्रेस पार्टी की तरफ आकर्षित किया है. सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी भी उत्तर प्रदेश में 2012 विधानसभा चुनाव की तरह राष्ट्रीय लोक दल को साथ लाना चाहती है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को प्रियंका ने राष्ट्रीय लोक दल से गठबंधन की राह आसान करने के लिए जयंत चौधरी के पीछे लगाया है. ऐसी भी चर्चा है कि जयंत चौधरी और दीपेंद्र हुड्डा की आपस में कई बार मुलाकात भी हो चुकी है. दोनों बड़े नेता हैं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट काफी संख्या में हैं. ऐसे में अगर रालोद और कांग्रेस का गठबंधन होता है तो दोनों पार्टियों को बड़ा फायदा मिल सकता है.
कांग्रेस से हो सकता है आरएलडी का गठबंधन
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की स्थिति यह है कि उसके सिर्फ सात ही विधायक हैं. वहीं, आरएलडी की बात करें तो 2017 में पार्टी का कोई भी प्रत्याशी नहीं जीता है. ऐसे में उसकी स्थिति बिल्कुल भी ठीक नहीं है. किसान आंदोलन इस बार राष्ट्रीय लोकदल के लिए ऑक्सीजन का काम कर रहा है. किसानों के हर मंच पर जयंत चौधरी लगातार खड़े हुए नजर आ रहे हैं. वहीं, कांग्रेस पार्टी के नेता भी लगातार किसानों की आवाज उठा रहे हैं. प्रियंका गांधी भी लगातार सक्रिय हैं. ऐसे में अगर उत्तर प्रदेश में रालोद और कांग्रेस का गठबंधन होता है तो यह दोनों पार्टियों के लिए जमीन तैयार करने वाला साबित हो सकता है.
सीटों पर पड़ेगा असर
अगर, राष्ट्रीय लोक दल और कांग्रेस पार्टी का गठबंधन होता है तो निश्चित तौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई सीटों पर बड़ा असर पड़ेगा. राजनीतिक जानकार बताते हैं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में करीब 100 सीटों पर कांग्रेस और राष्ट्रीय लोक दल मिलकर बड़ा राजनीतिक समीकरण खड़ा कर सकते हैं.
कांग्रेस से हो सकता है आरएलडी का गठबंधन
2012 के बाद आई गिरावट
2002 में यूपी विधानसभा चुनाव में रालोद को 14 सीटें मिली थीं. 2007 में 10 सीटें जीतीं. 2012 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल ने उत्तर प्रदेश में अपने 46 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. इनमें से नौ प्रत्याशी जीत गए. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का खाता नहीं खुला. वहीं, 2017 में भी उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पार्टी एक सीट जीत पाई.
यह रहा था आरएलडी का मत प्रतिशत
साल
मत प्रतिशत
2012
2. 33
2017
1.8
गठबंधन पर क्या कहते हैं रालोद नेता
राष्ट्रीय लोकदल के संयोजक अनुपम मिश्रा कहते हैं कि दीपेंद्र हुड्डा और जयंत चौधरी अच्छे मित्र हैं. ऐसे में उनके मुलाकात के कोई राजनीतिक मायने नहीं निकालना चाहिए. वह दोनों बड़े नेता भी हैं. हालांकि, जहां तक बात कांग्रेस से गठबंधन की है तो यह शीर्ष नेतृत्व तय करेगा, लेकिन हमारी बात समाजवादी पार्टी से हो चुकी है. उनके साथ राजनैतिक वैचारिक और सैद्धांतिक गठबंधन हो चुका है. जहां तक बात सीटों के बंटवारे को लेकर है तो जल्द ही इस पर भी फैसला हो जाएगा.
प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस अजय चंद्र चौबे ने कहा कांग्रेस पार्टी का जनता से गठबंधन हो चुका है. किसानों से गठबंधन है. नौजवानों से गठबंधन है. हमारी नेता प्रियंका गांधी लगातार सक्रिय हैं. लोग उनके साथ जुड़ रहे हैं. ऐसे में अब राजनीतिक दल भी कांग्रेस के बारे में सोचने लगे हैं. कांग्रेस पार्टी से डरने लगे हैं. हमारे साथ जो भी गठबंधन करना चाहता है उस पार्टी का स्वागत है.