लखनऊ :उत्तर प्रदेश में हो रहे निकाय चुनाव के पहले चरण में मतदान में वोटर लिस्ट में आई गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस भाजपा सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार की ओर से जानबूझकर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की गई है, ताकि लोग मतदान न करें और भाजपा अपनी रणनीति में सफल हो जाए. वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का ही परिणाम है कि लखनऊ में बीते निकाय चुनाव की तुलना में 2% कम मतदान हुआ है. इसके लिए सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है. गुरुवार को नगर निकाय चुनाव के लिए हुए पहले चरण के मतदान में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के मतदाता अपने नाम वोटर लिस्ट में गायब होने की समस्या से परेशान रहे. उन्होंने इसकी शिकायत बीएलओ से लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी तक से की, लेकिन उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसका असर सीधा-सीधा मतदान पर देखने को मिला. यह बात कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष नकुल दुबे ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कही.
पत्रकार वार्ता में नकुल दुबे ने कहा कि '5 जनवरी 2023 को पहली निर्वाचन लिस्ट जारी हुई था. इसके बाद सरकार ने 1 अप्रैल 2023 को संशोधित निर्वाचन लिस्ट जारी की. जिस लिस्ट में कांग्रेस के कई पूर्व विधायकों, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के नाम गायब हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ने सत्ता के कहने पर वोटर लिस्ट नाम गायब किए हैं. उन्होंने कहा कि इसको लेकर शनिवार को कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल सुबह 11:00 बजे राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात कर इस मुद्दे पर ज्ञापन देगा. नकुल दुबे ने बताया कि हम इस पूरे मामले की जांच एक सेवानिवृत्त न्यायिक मजिस्ट्रेट से कराने की मांग करते हैं. इसके बाद इस मामले में जो भी दोषी हो उस पर कार्रवाई हो.'
इस अवसर पर कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष व विधायक वीरेंद्र चौधरी ने आरोप लगाया कि 'भाजपा लगातार लोकतंत्र की हत्या करने में जुटी हुई है. निर्वाचन लिस्ट में गड़बड़ी का मामला गोरखपुर से लेकर लखनऊ सहित सभी 37 जिलों में सामने आया है, जहां पहले चरण का मतदान हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि राजधानी में लाखों लोग इसलिए वोट नहीं डाल पाए कि उनका नाम निर्वाचन लिस्ट में नहीं शामिल था. उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की जांच उच्च न्यायालय के निर्देशन में की जाए.'