लखनऊ : उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने करीब 6 महीने पहले प्रदेश अध्यक्ष व 6 प्रांतीय अध्यक्ष नियुक्त किए थे. इसके बाद से पार्टी की नई प्रदेश कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया को लेकर कवायद शुरू कर दी थी, लेकिन लंबा वक्त गुजर जाने के बाद भी अभी तक कांग्रेस प्रदेश में नए संगठन तैयार करने में सफल नहीं हो पाया है. प्रदेश अध्यक्ष व सभी प्रांतीय अध्यक्ष के कंधों पर उत्तर प्रदेश के संगठन के निर्माण के दायित्व था. कांग्रेस के जानकारों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष व प्रांतीय अध्यक्ष के गठन होने के बाद संगठन के गठन को लेकर एक नया विवाद सामने आया है.
Congress New State Executive : कांग्रेस की नई प्रदेश कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया में फंसा पेेच, 6 महीने बाद भी असमंजस बरकरार - राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नई प्रदेश कार्यकारिणी के गठन (Congress New State Executive) की प्रक्रिया छह महीने पहले शुरू कर दी थी. इसके बावजूद हाईकमान स्तर से कई मामलों में निर्णय होने अभी बाकी हैं. इससे प्रदेश का संगठन किसके अधीन होगा यह तय न होने के कारण प्रक्रिया लेट हो रही है.
प्रदेश संगठन किसके आधीन होगा यह भी तय नहीं : कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी व सभी प्रांतीय अध्यक्ष आपने अपने लेवल से प्रदेश संगठन में किसको शामिल किया जाना है. इसकी कवायद शुरू कर चुके हैं. हाईकमान की ओर से प्रदेश संगठन पर कुछ निर्णय लिए जाने हैं. हालांकि इस पर अभी कोई आधिकारिक निर्देश नहीं मिले हैं, जिस कारण से प्रक्रिया लेट हो रही है. कांग्रेस से जुड़े लोगों का कहना है कि प्रदेश का संगठन किसके अधीन होगा यह तय न होने के कारण प्रक्रिया लेट हो रही है. सूत्रों का कहना है कि अगर प्रदेश कार्यसमिति का गठन होगा तो वह प्रदेश अध्यक्ष के आधीन होना चाहिए. जबकि प्रदेश को पार्टी ने 6 प्रांतों में विभाजित किया है उनके अलग प्रांतीय अध्यक्ष बनाए हैं. अगर प्रदेश संगठन एक ही होगा तो इसका बंटवारा प्रांतीय संगठन में कैसे किया जाएगा. प्रदेश संगठन से जुड़े पदाधिकारी किसका निर्देश मानेंगे या अभी तक क्लीयर नहीं हो पाया है जिस कारण से यह पूरी प्रक्रिया ठप पड़ी हुई है.
हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की जिम्मेदारी पुराने संगठन पर : राहुल गांधी की कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक की भारत जोड़ो यात्रा कश्मीर के लाल चौक पर ध्वजारोहण के बाद समाप्त हो चुकी है. कांग्रेस पार्टी ने 26 जनवरी से देश के सभी प्रदेशों में आगामी 2 महीने तक 'हाथ से हाथ जोड़ो अभियान' की शुरुआत किया है. किस अभियान में पार्टी के पदाधिकारी लोगों को घर-घर जाकर राहुल गांधी का 'पत्र' व भाजपा की चार्जशीट जो कांग्रेस पार्टी की ओर से तैयार की गई है उसका वितरण करेंगे. इस अभियान के लिए भी कांग्रेस पार्टी के पास प्रदेश में मजबूत संगठन नहीं है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि कई जिलों में जिलाध्यक्ष तक नहीं हैं. ऐसे में पार्टी बिना मजबूत संगठन के ही अपने पुराने पदाधिकारियों के भरोसे यूपी में अभियान चला रही है.
जटिलताओं को पार्टी अभी तक नहीं समझ पाई : राजनीतिक विश्लेषक विजय उपाध्याय बताते हैं कि कांग्रेस में एक नया प्रयोग है. एक प्रदेश अध्यक्ष के साथ कई प्रांतीय अध्यक्ष बनाए गए हैं. इससे पहले भी कांग्रेस में कुछ सालों पहले जोनल इंचार्ज बनाया था, पर वह प्रक्रिया फेल हो गई थी. अभी मौजूदा समय में कांग्रेस ने यह नया प्रयोग किया है इसको लेकर अभी उनके यहां संगठनात्मक रूप से चीजें साफ नहीं हैं. किस तरह से इसको अमल में लाया जाए. उन्होंने ऊपर से भाजपा के संगठन ढांचा को कॉपी तो कर लिया, पर उसकी जो अंदरूनी जटिलता है. उसे समझने में पूरी तरह से कामयाब नहीं हो पाए हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कांग्रेस पूरी तरह से बदल गई है यह एक नई कांग्रेस है बरसों से जो कांग्रेस चली आ रही थी वह अब नहीं है. पुराने कांग्रेसी घर बैठ गए हैं, जिनका एक जनाधार था आज कांग्रेस में जो नए नेता हैं उनका जनाधार नहीं है. इसलिए कांग्रेस पूरी तरह से हाशिए पर है.