लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी आज से 'जय भारत जनसंपर्क अभियान' शुरू कर रही है. इस अभियान के दौरान कांग्रेस के नेता तीन दिनों तक देश में 75 हजार कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और 90 लाख लोगों से जनसंपर्क करेंगे. कांग्रेस के इस अभियान को लेकर पार्टी के ही मुस्लिम नेताओं को ऐतराज है. दरअसल, मुस्लिम नेताओं का कहना है कि कांग्रेस पार्टी की स्थापना से लेकर अब तक कभी ऐसा प्लान नहीं आया, जो मोहर्रम के दौरान रखा गया हो. मोहर्रम मुसलमानों के गम के दिन होते हैं. इस दौरान पार्टी का यह संपर्क अभियान मुस्लिमों को दरकिनार करने जैसा है. पार्टी को प्लान में परिवर्तन करना चाहिए. कुछ मुस्लिम नेताओं ने फेसबुक पर पोस्ट भी लिखी है. मीटिंग में नेताओं के सामने भी बात रखी गई है. विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी का यह काफी बड़ा अभियान माना जा रहा है.
फेसबुक पोस्ट लिखकर की पार्टी के कार्यक्रम की निंदा
कांग्रेस पार्टी में विभिन्न पदों पर रहे वरिष्ठ नेता असीम मुन्ना अपनी फेसबुक पर पोस्ट में लिखते हैं कि कांग्रेस की स्थापना काल से लेकर आज तक पहली बार कांग्रेस पार्टी मोहर्रम में कोई राजनीतिक कार्यक्रम करने जा रही है. पार्टी ने 19, 20 और 21 अगस्त को गांव चलो जैसे कार्यक्रम की घोषणा की है, जो बेहद निंदनीय है. उन्होंने लिखा कि 10 मोहर्रम मुस्लिम ही नहीं, दुनिया की लगभग हर जाति व समुदाय के लिए बहुत दुखदाई और पीड़ा भरा दिन होता है. इस दिन दुनिया में हजरत इमाम हुसैन और उनके परिवार पर ढाए गए जुल्मों सितम को पूरी कायनात पुरसा देती है. बस यही कार्यक्रम होता है, क्योंकि पूरी दुनिया के सभी समाज के लोग इस दिन गमगीन रहते हैं. इस तरह के कार्यक्रम पार्टी पहले कभी नहीं करती थी. वह लिखते हैं कि अब जब से पार्टी के अंदर कम्युनिस्ट विचारधारा वाले लोगों की भर्ती वेतनभोगी के रूप में हुई है, वह पार्टी हित की नीतियों को हटाकर ऐसे कार्यक्रम जारी कर रहे हैं, जो पार्टी की सेहत के लिए ठीक नहीं. पार्टी हाईकमान को इस तरह के कार्यक्रमों से बचना चाहिए और जारी किए गए इस तरह के कार्यक्रम पर तुरंत विचार करना चाहिए.
हामिद दीपू ने लिखी फेसबुक पोस्ट
कांग्रेस से जुड़े एक अन्य नेता हामिद दीपू भी फेसबुक पर पोस्ट लिखकर पार्टी के इस कार्यक्रम की निंदा करते हैं. वह लिखते हैं कि मोहर्रम में इस तरह के कार्यक्रम पार्टी को किसी भी कीमत पर नहीं होने देना चाहिए. सभी को मालूम है कि मोहर्रम गम के दिन होते हैं और गम में इस तरह के काम नहीं किए जाते हैं.
बता दें कि 19 अगस्त से कांग्रेस का जय भारत महासंपर्क अभियान शुरू हुआ है. देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ है. ऐसे में पार्टी ने 75000 कार्यकर्ताओं से संपर्क करने का लक्ष्य रखा है. कांग्रेस के छोटे नेताओं से लेकर बड़े नेता तीन दिन तक अपने-अपने क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित करेंगे. गांव मोहल्लों में प्रवास करेंगे. 75 घंटे के अभियान में कांग्रेसी प्रदेश के 75 जनपदों की 30 हजार ग्राम पंचायतों में संपर्क कर 90 लाख लोगों तक पहुचेंगे. स्वतंत्रता सेनानियों, उनके परिजनों और वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित किया जाएगा. ग्रामीण जीवन की समस्याओं, खेती-बाड़ी, मंहगाई, छुट्टा पशुओं की समस्या, युवाओं की समस्याओं, बेरोजगारी आदि के मुद्दों पर कांग्रेस के नेता सीधे जनता से संवाद करेंगे.
सद्भावना दिवस के रूप में मनेगी राजीव की जयंती
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के निर्देश पर इस मौके पर गांवों, मोहल्लों में सुबह प्रभातफेरी के साथ श्रमदान सहित स्वतंत्रता सेनानियों, उनके परिजनों और वरिष्ठ नागरिकों को स्मृति चिन्ह भेंट किया जाएगा. कांग्रेस नेता गांव प्रवास के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती भी 20 अगस्त को सद्भावना दिवस के रूप में मनाएंगे. साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को संविधान की शपथ भी दिलाई जाएगी.
क्या कहते हैं कांग्रेस अल्पसंख्यक चेयरमैन ?
उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम मोहर्रम के दौरान पार्टी के इस कार्यक्रम को लेकर सफाई जारी करते हैं. उनका कहना है कि पार्टी का यह तीन दिन का अभियान है. आजादी की 75वीं वर्षगांठ देश मना रहा है. ऐसे में 75 घंटे तक यह कार्यक्रम चलेगा. यह सही है कि मोहर्रम के दिनों में यह कार्यक्रम शुरू हुआ है, तो उस तरह से मुस्लिम इसमें हिस्सेदार नहीं हो पाएंगे, लेकिन यह सहूलियत दी गई है कि 75 घंटे के कार्यक्रम में जब जैसे जिसे वक्त मिले वैसे इसमें शामिल हो सकता है. उनका कहना है क्योंकि पिछले दो साल से राजीव गांधी का जन्म दिवस 20 अगस्त को मनाया जाता रहा है. विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित हुईं. सद्भावना दिवस के रूप में जन्मदिन मना. इसी वजह से पार्टी ने यह कार्यक्रम रखा है. हालांकि मोहर्रम का असर कार्यक्रम पर जरूर है.