लखनऊ : लखनऊ से मेयर प्रत्याशी के लिए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने संगीता जायसवाल को मैदान में उतारा है. सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में शहर में प्रसिद्ध संगीता जायसवाल ने आखिरी समय में कांग्रेस से मेयर पद का नामांकन किया. कांग्रेस की ओर से मेयर पद को लेकर शुरू से चर्चा थी. पार्टी ने आखिरी समय तक किसको प्रत्याशी बनाया जाए, इसको लेकर काफी मशक्कत की. अंत में कुछ महीने पहले कांग्रेस में शामिल हुए शहर के बड़े बिजनेसमैन राजेश जायसवाल की पत्नी को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राजेश जायसवाल पुराने लखनऊ के बाशिंदे होने के साथ ही शहर के एक जाने-माने व्यापारी व सामाजिक कार्यकर्ता हैं.
आखिरी समय में कांग्रेस से संगीता जायसवाल ने भरा मेयर का पर्चा - लखनऊ में कांग्रेस से मेयर उम्मीदवार
यूपी के निकाय चुनाव में कांटे का मुकाबला देखने को मिल सकता है. लखनऊ में मेयर पद की लड़ाई काफी दिलचस्प हो गई है. मेयर पद महिला आरक्षित होने के बाद सभी प्रमुख दलों ने अपने अपने कंडीडेट उतार दिए हैं. चारों ही महिला प्रत्याशी अपने अपने स्तर से शहर में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं.
कांग्रेस में मेयर पद के लिए नामांकन को लेकर आखिरी समय तक कांग्रेस से मेयर प्रत्याशी पर असमंजस की स्थिति बनी रही. नामांकन करने के समय समाप्त होने के करीब आधे घंटे पहले संगीता जायसवाल ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. राजधानी की मेयर सीट एक बार फिर महिला होने के कारण पुरुष प्रत्याशियों के सपने धराशायी हो गए. लेकिन उन्होंने दूसरी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. अब पुरुष प्रत्याशी अपनी पत्नियों को चुनाव मैदान में उतार रहे हैं. इसमें मौजूदा समय में कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष समीर श्रीवास्तव का नाम चल रहा है. वह अपनी पत्नी रचना श्रीवास्तव के टिकट मांग रहे थे. मेयर पद के लिए संगीता जायसवाल का भी नाम चल रहा था. संगीता व्यवसायी राजेश जायसवाल की पत्नी हैं. साथ ही प्रांतीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री नकुल दुबे का बहुत करीबी माना जाता है. बीते दिसंबर में इन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी, तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी से मेयर पद का प्रत्याशी बना सकती है. इसके अलावा मशहूर आर्किटेक्ट सरिता अग्रवाल का नाम भी चर्चा में था.
कांग्रेस से मेयर पद के प्रत्याशी संगीता जयसवाल लखनऊ के जायसवाल महिला सभा की अध्यक्ष होने के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता हैं. उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बीएससी स्नातक की डिग्री प्राप्त की है. नामांकन दाखिल करने के बाद संगीता जायसवाल ने बताया कि उनकी पहली प्राथमिकता नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करना है. उन्होंने कहा कि नगर निगम में ठेके पर होने वाले काम को वह पूरी तरह से समाप्त कर करने की कोशिश होगी. इन काम के लिए नगर निगम में जो मशीनरी है उसी का पूरा प्रयोग किया जाएगा तथा उसी को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. इसके अलावा शहर में यातायात और कृषि को लेकर जो समस्या है उसे दूर करना प्राथमिकता होगी.