लखनऊ:उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की गंभीरता नजर नहीं आ रही है. जब सभी पार्टियों के नेता पिछले काफी समय से वर्चुअल के साथ ही एक्चुअल भी मैदान में उतरकर जनता से संपर्क स्थापित करने में जुटे हैं तो कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी दिल्ली में बैठकर राजनीति कर रही हैं. चुनाव की तारीखें घोषित होने के बाद 31 जनवरी को पहली बार प्रियंका मैदान में उतर रही हैं.
कांग्रेस की तरफ से सिर्फ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही चुनाव प्रचार में ईमानदारी से उतरे हैं. पार्टी की तरफ से स्टार प्रचारकों की जारी की गई लंबी सूची में भी अभी तक कई नेता सक्रिय नहीं हुए हैं. इस पर कांग्रेस पार्टी के नेता कहते हैं कि चुनाव आयोग ने अभी वर्चुअल कार्यक्रमों की ही परमिशन दी है. जब एक्चुअल परमिशन मिलेगी तो सभी नेता मैदान में उतरेंगे.
उत्तर प्रदेश में पहले चरण का चुनाव 10 फरवरी को होना है. ऐसे में आठ फरवरी की शाम को चुनाव प्रचार पूरी तरह से बंद हो जाएगा. इसी को ध्यान में रखकर भारतीय जनता पार्टी हो या फिर समाजवादी पार्टी, दोनों ही पार्टियों के नेता पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर पूरा फोकस कर वर्चुअल के साथ ही एक्चुअल भी मैदान पर उतरकर जनता को अपने पाले में लाने की कोशिशों में जुट गए थे. भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पश्चिम उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में जनता के बीच जाकर अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रहा था.
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इन नेताओं में स्वयं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर समेत उत्तर प्रदेश के तमाम नेताओं ने मैदान में डेरा डाल दिया था. वहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया चौधरी जयंत सिंह भी लगातार विभिन्न जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर और मैदान में उतरकर अपने प्रत्याशियों के पक्ष में वोटों की अपील कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस के नेता एक्चुअल के बजाय वर्चुअल ही घर में बैठकर जनता से कांग्रेस के पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं.