लखनऊ:कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के उम्मीदवार डॉ. शशि थरूर ने रविवार को कांग्रेस मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने उम्मीद जताई कि कल होने वाले चुनाव में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य उनके समर्थन में मतदान करेंगे जिससे उनकी जीत सुनिश्चित है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र कायम है. जीत चाहे वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की हो या मेरी, यह कांग्रेस की जीत होगी. हम लोग विरोध में चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. बल्कि हम लोग साथ चुनाव लड़ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पीसीसी डेलिगेट्स होने का मतलब है कि कांग्रेस के अध्यक्ष से आकर मिल सकें. कार्यकर्ता आकर हमसे सीधे मिल सकें. मुझे सोमवार को लखनऊ आना था लेकिन मुलायम सिंह यादव के निधन की सूचना मिली, इस वजह से नहीं आ पाया था. उन्होंने कहा कि सालों से कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं हुआ है. राहुल गांधी ने खुद कहा कि मैं अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लडूंगा, तब मुझे लगा कि पार्टी का क्या होगा. इसलिए मैं खड़ा हुआ. पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता पार्टी को छोड़ कर जा रहे थे, तब मुझे लगा कि पार्टी का क्या होगा. हमारे देश में दो प्रधानमंत्री की हत्या के बाद भी हमने हिम्मत दिखाई कि देश को कैसे चलाया जाए.
उन्होंने कहा कि गांधी परिवार चाहता है कि यह चुनाव हो और लोग अपनी इच्छा से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को चुनें. इस चुनाव की वजह से हम लोग के अंदर एक नई स्पिरिट आ गई है. जब खड़गे साहब पार्टी के उम्मीदवार के लिए आए, तो 90 परसेंट वरिष्ठ नेता उनके साथ खड़े हुए. वहीं, कुल 60 लोगों ने दस्तखत करके मुझे सेलेक्ट किया. मैं खड़गे साहब के साथ रहा, उनके खिलाफ नहीं रहा. वो हमारे नेता हैं और हमारे लिए इज्जत देने वाले व्यक्ति हैं. हम दोनों के काम करने के तरीके अलग हैं. सिर्फ इस राज्य में नहीं और भी राज्यों में. सोनिया गांधी ने कहा है कि निष्पक्ष तरह से चुनाव कराया जाएगा. किसी भी व्यक्ति को डरने की जरूरत नहीं है किसी को किसी की आइडेंटिटी का पता नहीं चलेगा.
कुछ लोग इस चुनाव में नेतागिरी कर रहे: शशि थरूर
इस दौरान शशि थरूर ने इस बात पर जरूर नाराजगी जताई कि कुछ लोग इस चुनाव में नेतागिरी कर रहे हैं. बेवजह ही पीसीसी सदस्यों को भड़का रहे हैं कि वह मल्लिकार्जुन खड़गे के पक्ष में मतदान करें, क्योंकि यह पार्टी हाईकमान का आदेश है. उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है. मैंने चुनाव में नामांकन करने से पहले ही गांधी परिवार से मुलाकात कर उनकी अनुमति ली थी. सभी ने कहा कि आप चुनाव लड़ें. कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मेरी 45 मिनट बात हुई. केरल यात्रा के दौरान राहुल गांधी से भी मुलाकात हुई. उन्होंने भी इस बात का समर्थन किया कि मैं चुनाव लड़ूं, इसलिए मैं प्रत्याशी हूं और यह कोई ऐसा चुनाव नहीं है कि किसी एक पार्टी और दूसरी पार्टी के नेता के बीच चुनाव हो रहा हो. यह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए फ्रेंडली कैंपेन है जो जीतेगा वह कांग्रेस की ही जीत होगी.
"ईटीवी भारत" के इस सवाल पर कि पार्टी नेतृत्व चाहता है कि मल्लिकार्जुन खड़गे चुनाव जीते. उनके अध्यक्ष बनने से गांधी परिवार का कंट्रोल रहेगा जबकि आप अध्यक्ष बनते हैं तो आप अपने निर्णय लेंगे? इस पर डॉ. शशि थरूर ने कहा कि ऐसा नहीं है. मैं जीतूंगा या मल्लिकार्जुन खड़गे जीते, ये कांग्रेस की जीत होगी और जो जीता वही सिकंदर.
पुस्तक के हिंदी संस्करण का विमोचन
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने रविवार को लखनऊ में अपनी पुस्तक "अस्मिता का संघर्ष: राष्ट्रवाद, देश प्रेम, भारतीय होने का अर्थ" का हिंदी संस्करण लांच किया. इस दौरान यहां पर मौजूद लोगों से उन्होंने अपने जीवन के संघर्ष और अब तक के राजनीतिक करियर के अनुभवों को साझा किया. बता दें कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे नेतृत्व की पसंद हैं जबकि, शशि थरूर को भरोसा है कि चुनाव में सभी पीसीसी सदस्य उनके पक्ष में वोट करेंगे और उन्हें ही जीत मिलेगी. हालांकि, अब यह चुनाव के नतीजे बताएंगे कि पीसीसी सदस्यों को अपने पक्ष में लुभाने में मलिकार्जुन खड़गे सफल हुए हैं या फिर शशि थरूर. शशि थरूर लगातार पक्षपात का आरोप भी लगा रहे हैं. हाल ही में उन्होंने एक बयान दिया था जिसमें कहा था कि प्रदेश कार्यालयों में मल्लिकार्जुन खड़गे का खूब स्वागत होता है, जबकि मेरे स्वागत से लोग दूर रहते हैं.