लखनऊ: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी (congress leader pramod tiwar) ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के उम्मीदवार व सांसद शशि थरूर (shashi tharoor) के एक शब्द पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर "कांग्रेस को पुनर्जीवित करने" जैसे शब्द का इस्तेमाल करने पर शशि थरूर से विचार करने की अपील की है. कहा है कि कांग्रेस पार्टी के लिए पुनर्जीवित शब्द इस्तेमाल करना कहीं से शोभा नहीं देता. मुझे लगता है कि उनकी हिंदी कमजोर है इसलिए ऐसा बोल गए होंगे, लेकिन कार्यकर्ता चाहते हैं कि शशि थरूर इस शब्द पर विचार करें. पुनर्जीवित का मतलब यह होता है कि जो जीवित न हो और कांग्रेस के साथ तो ऐसा नहीं है, इसलिए इस शब्द को शशि थरूर को वापस लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि हालांकि मैं इसके लिए इलेक्शन कमीशन या इलेक्शन अथॉरिटी के पास नहीं जा रहा हूं, लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को शब्दों का इस्तेमाल करते समय ख्याल जरूर रखना चाहिए.
शशि थरूर के इस शब्द पर भड़के कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, बोले विचार जरूर करें...
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के दावेदार व सांसद शशि थरूर के एक शब्द पर भड़क गए हैं. उन्होंने बयान के इस खास शब्द पर विचार करने की सलाह दी है.
मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक के रूप में लगभग सभी लोग खड़े हुए हैं. सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि जो लोग खड़गे जी के लिए क्लेम कर रहे हैं कि 90% से अधिक वोट मिलेंगे, मैं इससे सहमत नहीं हूं. मुझे पूरी उम्मीद है कि खड़गे को 98 परसेंट वोट मिलेंगे और कहीं-कहीं तो 99 परसेंट मतदान उनके पक्ष में होगा.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ में बड़ा समर्थन मलिकार्जुन खड़गे को मिलेगा. G 23 के सारे प्रस्तावक उनके पास हैं. कल शाम को 4:00 बजे चुनाव खत्म हो जाएगा और आज बहुत बड़ी तादाद में डेलीगेट आए हुए हैं. आज ज्यादा लोगों ने एक बात पर मेरा ध्यान व्यथित किया. मैं कहना चाहता हूं कि शशि थरूर के जो 10 सिद्धांत हैं और जो उनकी अपील का वीडियो है और वह बात वे जुबानी कह रहे हैं कि वह कांग्रेस को पुनर्जीवित करेंगे, ये सही नहीं है. हो सकता है उनको हिंदी का ज्ञान न हो इस वजह से यह शब्द बोल रहे हैं. इस पर मुझको आपत्ति है. पुनर्जीवित वह चीज की जाती है जो जीवित न हो. आखिर शशि थरूर किस पर अटैक कर रहे हैं? अभी तो खड़गेजी ने टेकओवर नहीं किया है.
एक सवाल के जवाब में प्रमोद तिवारी ने कहा कि शशि थरूर कह रहे हैं कि इस चुनाव में कुछ नेता नेतागिरी कर रहे हैं. उनका इशारा अगर मेरी तरफ है तो हां मैं नेतागिरी कर रहा हूं. अब नेतागिरी कोई गलत शब्द तो है नहीं. नेता नेतागिरी नहीं करेगा तो क्या गुंडागर्दी करेगा? बाजीगरी करेगा? मैं नेता हूं नेतागिरी करता हूं. 24 साल में इसी उत्तर प्रदेश है नेता विधानमंडल दल रहा तो मेरा काम ही नेतागिरी करना है. इसमें क्या बुराई है.
ये भी पढ़ेंः 24 साल बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव, तैयारी पूरी, सोमवार को मतदान