लखनऊ:कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने सोमवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने जेल में बंद डॉ. कफील की तत्काल रिहाई की मांग की. उन्होंने डॉ. कफील को पूरी तरह निर्दोष करार देते हुए कहा कि इस कोरोना के दौर में जब डॉक्टरों की जरूरत है तब डॉक्टर कफील जेल में बंद हैं. नसीमुद्दीन डॉक्टर कफील का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें बेबुनियाद आरोप लगाकर जेल भेजा गया है, जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है.
डॉ. कफील को रिहा करने की मांग
पत्रकारों से बात करते हुए नसीमुद्दीन ने कहा कि लोकसभा में हमारे नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर डॉ कफील को रिहा करने की मांग की थी, लेकिन नतीजा अभी भी शून्य ही है. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनकी जमानत के लिए पत्र भी लिखा था, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.
'सरकार कर रही सुप्रीम कोर्ट की अवमानना'
नसीमुद्दीन ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि एक तरफ तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि जिन मुलजिमों की सजा 7 साल से कम है, उन्हें कोरोना में जमानत दे दी जाए. डॉ. कफील भी इसके अंतर्गत आते हैं. प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं. इसे लेकर कांग्रेस पार्टी के प्रदेश के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के निर्देश पर पूरे प्रदेश में कार्यक्रम चलाया गया. मदरसों में दुआएं मांगी गईं, मजारों में चादर चढ़ाई गई और रक्तदान भी किया गया. अब यही मांग है कि मानवता को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार डॉ. कफील की तत्काल रिहाई करें.