लखनऊ. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने नवरात्रि में पार्टी के प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी करने की तैयारी की थी, लेकिन नवरात्रि समाप्त हो गए हैं, स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक भी हो चुकी है पर लिस्ट जारी नहीं हो पाई. दरअसल, इसके पीछे बड़ी वजह पहली लिस्ट में जिन प्रत्याशियों का नाम था, वे कांग्रेस पार्टी ही छोड़ कर चले गए हैं. इतना ही नहीं कई और नेताओं के जाने की भी अटकलें लगाई जा रही हैं. ऐसे में पार्टी को लग रहा है कि कहीं ऐसा न हो कि जल्दबाजी में लिस्ट जारी कर दी जाए और उसमें ऐसे नाम हों जो पार्टी छोड़कर चले जाए. इससे किरकिरी हो जाएगी.
इस वजह से 45 से लेकर 54 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी होने में देरी हो रही है. सूत्र बताते हैं कि पहली लिस्ट में ललितेश पति त्रिपाठी का भी नाम था और हाल में ही समाजवादी पार्टी में शामिल हुए राजाराम पाल का भी, लेकिन ये दोनों पार्टी से पहले ही हाथ झटक चुके हैं.
नवरात्रि में कांग्रेस जारी नहीं कर पाई प्रत्याशियों की पहली सूची. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है. विभिन्न राजनीतिक दल प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करने में भी तेजी दिखा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने भी नवरात्रि में पहली लिस्ट जारी करने का फैसला लिया था. पार्टी के सूत्र बताते हैं कि 45 नामों की पहली लिस्ट तैयार भी हो गई थी, सिर्फ आधिकारिक घोषणा होने वाली थी. इससे पहले ही प्रत्याशियों की लिस्ट में शामिल कुछ नेताओं ने पार्टी से ही अलविदा कह दिया. इनमें औरंगाबाद हाउस की चौथी पीढ़ी के नेता, पार्टी के पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी ने अपने सभी पदों के साथ ही पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया. इसके बाद पार्टी में खलबली मच गई. पार्टी इस झटके से उबर पाती और प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करने का एलान कर पाती इससे पहले ही पार्टी के पूर्व सांसद और प्रदेश सचिव राजाराम पाल ने भी हाथ का साथ छोड़ साइकिल की सवारी कर ली. इसके बाद पार्टी ने नवरात्रि में लिस्ट जारी करने के अपने प्लान पर ही रोक लगा दी. नवरात्रि समाप्त हो चुके हैं और पार्टी की सूची अब तक जारी नहीं हो सकी है.
उधर, कांग्रेस पार्टी से दूर जाने में कई और नामों की भी चर्चा हो रही है. हालांकि यह अटकलें काफी पहले से लगाई जा रही हैं. इन नामों में वरिष्ठ नेता इमरान मसूद और विधायक नरेश सैनी के नाम भी शामिल हैं. यही वजह है कि पार्टी सूची जारी करने में संशय की स्थिति में है. पार्टी के जिम्मेदारों को लग रहा है कि अगर सूची जारी हो गई और इन नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ दिया तो प्रदेश में गलत संदेश जाएगा और इससे पार्टी को नुकसान भी होगा. लिहाजा, सूची जारी करने में पार्टी समय ले सकती है.
गौर करने वाली बात यह भी है कि पार्टी के जो नेता दूसरी पार्टियों में जा रहे हैं उन्हें यह बखूबी मालूम था कि भले ही पार्टी में उनकी उपेक्षा हो रही हो, लेकिन उनका टिकट कट नहीं सकता. टिकट मिलना 100% तय था. बावजूद इसके उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ने का ही फैसला ले लिया. अब जो नाम पार्टी छोड़ने की फेहरिस्त में शामिल हैं उन्हें भी पार्टी टिकट जरूर देगी, लेकिन यह नेता भी उपेक्षा के ही शिकार हैं. ऐसे में यह नेता भी पार्टी से रुखसत हो सकते हैं.
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पार्टी के नेता बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी अपने जिन नेताओं को टिकट देगी उन्हें पहले से ही क्षेत्र में मौखिक रूप से तैयारी करने को कह दिया गया था. वह अपने- अपने क्षेत्र में रहकर तैयारी कर रहे हैं और कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने में लगे हैं. ऐसे नेताओं को पहली सूची में ही टिकट दिया जाएगा.
प्रदेश प्रवक्ता बोले, आना-जाना लगा रहता है
प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होने में देरी पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कहते हैं कि हर पार्टी में नेताओं का आना-जाना लगा रहता है, अगर सूची जारी भी हो जाती है और कोई नेता चला जाता है तो उसमें कोई कुछ नहीं कर सकता. दूसरे को टिकट दिया जाता है. यह फैसला हाईकमान को लेना है. अच्छे और जिताऊ नामों पर विचार कर पार्टी उन्हें टिकट देगी. जल्द ही प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होने की उम्मीद है. कांग्रेस पार्टी ऐसे प्रत्याशियों को टिकट देगी जो बेहतर प्रदर्शन कर सकें. हमें पूरी उम्मीद है कि सभी प्रत्याशी जीतकर आएंगे और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी.