लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में फतह हासिल करने के लिए पार्टियां अभी से जतन करने में जुट गई हैं. सभी राजनैतिक पार्टियां हर पैंतरे को आजमा रही हैं. जहां भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को हर जिले में सक्रिय कर दिया है,वहीं कांग्रेस भी विधानसभा चुनाव से पहले हर वर्ग को साधने के लिए एक बड़ा दांव खेलने वाली है. पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि जल्द ही चार प्रभारियों की तैनाती की जाएगी, जिनमें हर वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. ब्राह्मण, क्षत्रिय और दलित के साथ ही एक मुस्लिम प्रभारी भी बनाया जाएगा. जिससे समाज में कांग्रेस पार्टी यह संदेश दे सकेगी कि वह हर वर्ग की हितैषी है. इस प्लान को लेकर मंथन शुरू हो गया है.
जाति, वर्ग पर पकड़ रखने वाले नेताओं को मिलेगा दायित्व
एक तरफ विभिन्न राजनीतिक दल उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले जाति आधारित सम्मेलनों का आयोजन कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी सम्मेलन के बजाय अपना अलग प्लान बना रही है. दरअसल कांग्रेस यह संदेश देना चाह रही है कि हम समाज में वर्ग संघर्ष की भावना पैदा करने के बजाय सभी वर्गों को साधकर आगे बढ़ते हैं. पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व मिल सके और हर वर्ग यह समझे कि कांग्रेस पार्टी उसके साथ है इसलिए हर जाति और धर्म का एक-एक प्रभारी बनाने की तैयारी की जा रही है. सूत्रों की मानें तो इन प्रभारियों के नाम भी लगभग फाइनल हो चुके हैं.
UP विधानसभा चुनाव: हर वर्ग को साधने के लिए कांग्रेस बना रही रणनीति - जाति आधारित सम्मेलनों का आयोजन
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सभी वर्गों के प्रभारी नियुक्त करने की योजना बना रही है. दरअसल कांग्रेस जनता को यह संदेश देना चाह रही है कि वह समाज में वर्ग संघर्ष की भावना पैदा करने के बजाय सभी वर्गों को साधकर आगे बढ़ती है. कांग्रेस हर वर्ग की हितैषी है. सूत्रों की मानें तो इन प्रभारियों के नाम भी लगभग फाइनल हो चुके हैं.
UP विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस बना रही रणनीति.
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश अध्यक्ष के अलावा पार्टी चार कार्यवाहक अध्यक्ष भी बनाना चाहती है, लेकिन बड़े नेता कार्यवाहक अध्यक्ष बनने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में उन्हें प्रभारी का दायित्व सौंपे जाने की तैयारी है, जिससे समस्या का समाधान हो सके. यह चारों बड़े चेहरे हैं जिनका उत्तर प्रदेश की राजनीति में काफी दखल है और अपने वर्गों पर इनकी अच्छी पकड़ है. यही वजह है कि पार्टी इनका लाभ लेना चाहती है. पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो प्रमोद तिवारी, आरपीएन सिंह, पीएल पुनिया और मुस्लिम समाज से किसी बड़े नेता को यह दायित्व सौंपा जा सकता है. हालांकि पार्टी के नेता अभी इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कि मेरे संज्ञान में अभी ऐसा कुछ नहीं है.
समाज में वर्ग संघर्ष पैदा नहीं करती कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी की तरफ से अलग-अलग वर्ग के चार प्रभारी तैनात किए जाने के सवाल पर पार्टी के वरिष्ठ नेता ओंकार नाथ सिंह कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं. उनका कहना है कि फिलहाल मेरे संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं है. पार्टी का निर्णय आखिरी होगा. कांग्रेस पार्टी किसी जाति को लेकर राजनीति नहीं करती है. सभी वर्गों को साथ लेकर काम करती रही है और आगे भी करेगी. समाज में वर्ग संघर्ष पैदा करना हमारा कभी उद्देश्य नहीं रहा है. यह अन्य पार्टियां करती रही हैं. कांग्रेस पार्टी समाज के मुद्दों पर ध्यान देती है.
ढोंग करती है कांग्रेस पार्टी, नहीं मिलेगा कोई फायदा
वहीं राष्ट्रीय लोक दल के वरिष्ठ नेता सुरेंद्रनाथ त्रिवेदी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही ढोंग की बात करती है. डेढ़ साल बाद कुछ दिन के लिए प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश आती हैं तो कार्यालय पर भीड़भाड़ जमा हो जाती है. उसके बाद फिर सब कुछ खत्म हो जाता है. बात हमेशा जातिगत ही रहती है. बर वर्ग के प्रभारी बना देने से कांग्रेस को कोई फायदा नहीं मिलने वाला.