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क्या कांग्रेस को जयभारत महासंपर्क अभियान से यूपी में मिल पाएगी सफलता? - उत्तर प्रदेश राजनीति

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस जयभारत महासम्पर्क अभियान चला रही है. कांग्रेस के नेता हर व्यक्ति से मिलकर योगी सरकार की खामियों को बता रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि अचानक लोगों से संपर्क करने से क्या कांग्रेस को यूपी विधानसभा चुनाव 2022(UP Assembly Election 2022) में सफलता मिलेगी?

जयभारत महासंपर्क अभियान
जयभारत महासंपर्क अभियान

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Published : Aug 20, 2021, 5:00 PM IST

लखनऊःउत्तर प्रदेश में कांग्रेस अस्तित्व बचाने के लिए 'जयभारत महासम्पर्क अभियान' के माध्यम जनता के बीच पहुंच रही है. नेता और कार्यकर्ता हर व्यक्ति से मिलकर मौजूदा सरकार की खामियों को बता रहे हैं और 2022 में कांग्रेस को लाने की गुहार लगा रहे हैं. राज्य के सभी जिलों में 19 से 21 अगस्त के बीच में 75 घंटे तक पार्टी के नेता जनसम्पर्क करेंगे. लंबे समय बाद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस गांव की तरफ बढ़ी है. ऐसे में राजनीति विशेषज्ञों का कहना है कि अर्से बाद जनता बीच पैठ बनाना कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा.

ग्रामीण से गले मिलते कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू.

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कांग्रेस ने अपने बड़े नेताओं से लेकर प्रदेश व जिला पदाधिकारियों को इस अभियान में लगाया है. इस अभियान पर केंद्रीय संगठन के जिम्मेदार नेताओं को निगरानी के लिए लगाया गया है. कांग्रेस मीडिया विभाग के संयोजक अशोक सिंह कहते हैं महंगाई चरम पर पहुंच चुकी है, जनता परेशान है. इसके अलावा युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी, ध्वस्त कानून व्यवस्था, किसानों के साथ हो रहे अन्याय, महिला उत्पीड़न जैसे मुद्दों को हम उठा रहे हैं. इसके साथ ही देश की आजादी में कांग्रेस के योगदान व आजादी के बाद उसके नवनिर्माण सहित विकास के लिये किये गए कार्याें के बारे अवगत कराया जा रहा है. कांग्रेसी इस दौरान जनता के दुख दर्द को भी समझ रहे हैं. वादा कर रहे हैं कि यदि उनकी सरकार बनी तो जनता का ख्याल रखा जाएगा. अशोक सिंह ने बताया कि कांग्रेस ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर उत्तर प्रदेश में 'जयभारत महासंपर्क अभियान' के माध्यम से पार्टी ने तीन दिन में 90 लाख लोगों से सीधे संपर्क करने का लक्ष्य रखा है. कांग्रेस जैसी पार्टी के लिए कभी बड़ी बात नहीं थी लेकिन आज के परिदृश्य में जनकारों को यह अतिशयोक्ति की लगता है.
महिला से बातचीत करते कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष.

कांग्रेस के साथ सरकार भी मना रही राजीव गांधी जयंती
कांग्रेस नेता गांव-गांव प्रवास के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती भी 20 अगस्त को सद्भावना दिवस के रूप में मना रहे हैं. वहीं, योगी आदित्यनाथ सरकार ने राजीव गांधी की जयंती को सभी सरकारी दफ्तरों में सद्भावना दिवस के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया है. हालांकि इस बार इसी दिन मोहर्रम का अवकाश हो गया है. भाजपा के प्रवक्ता हरीश चंद्र श्रीवास्तव कहते हैं कांग्रेस ने सरकार में रहते हुए दुर्भावनापूर्ण काम किया. लेकिन हमारी भाजपा की सरकारों ने कभी भी दुर्भावनापूर्ण काम नहीं किया है. सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास नारे के साथ योगी आदित्यनाथ सरकार काम करती है. सभी महापुरुषों का सम्मान करती है और इसी कड़ी में राजीव गांधी की जयंती को सदभावना दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है.

लोगों से संपर्क करते कांग्रेस के नेता.
क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी कहते हैं कि कांग्रेस के पास कार्यकर्ताओं का घोर अभाव है. पार्टी ने मजबूती से सदस्यता अभियान नहीं चलाया. ऐसे में जब पार्टी कोई अभियान या कार्यक्रम करती है तो उसमें कार्यकर्ताओं से ज्यादा नेताओं की फौज दिखाई पड़ती है. मंच पर भी नेताओं की एक लंबी फौज होती है. यह बात भी सही है कि जिस प्रकार से कांग्रेस इस समय कड़ी मशक्कत कर रही है अगर यह दो साल पहले से कर रही होती तो कुछ लाभ मिल सकता था. कांग्रेस के लिए सबसे ज्यादा जरूरी संगठन का विस्तार और सदस्यों की संख्या बढ़ानी होगी.

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