लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रिंयका गांधी वाड्रा लखीमपुर विवाद में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने के लिए लखीमपुर खीरी जा रही थी, तभी उन्हें सीतापुर के हरगांव में पुलिस ने हिरासत में ले लिया. जानकारी के मुताबिक प्रियंका गांधी को सोमवार की सुबह करीब 5.30 बजे पुलिस ने हिरासत में लिया. आपको बता दें कि लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में आठ लोग मारे गए थे. वहीं, उक्त घटना की सूचना के बाद ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रविवार देर रात करीब एक बजे लखनऊ पहुंच गई थी. वहीं, लखनऊ से लखीमपुर खीरी की ओर जाने के क्रम में उन्हें सीतापुर के हरगांव में पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
हिरासत में लिए जाने से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ईटीवी से की बातचीत वहीं, यूपी कांग्रेस ने ट्वीट कर बताया कि प्रियंका गांधी को हरगांव से गिरफ्तार करके सीतापुर पुलिस लाइन ले जाया गया है. यूपी कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रियंका गांधी से पुलिसकर्मियों ने जोर जबरदस्ती भी की, जिसका मुखर विरोध किया गया. प्रियंका सुबह 5.30 बजे के करीब लखीमपुर खीरी की सीमा पर पहुंचीं थीं. हालांकि, इससे पहले पार्टी ने आशंका जताई थी कि प्रियंका को लखीमपुर खीरी जाने से रोकने को उन्हें यूपी पुलिस नजरबंद कर सकती है.
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दरअसल, यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के रविवार को लखीमपुर खीरी दौरे का विरोध करने को लेकर भड़की हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों व जख्मी किसानों से मिलने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा वहां जा रही थी, तभी रास्ते में उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
वहीं, अधिकारियों की ओर से बताया गया कि हिंसा की घटना में चार किसानों सहित कुल आठ लोगों की मौत हुई है. प्रियंका और पार्टी के नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा रविवार की रात को ही लखनऊ पहुंचे गए थे. इससे पहले देर रात कांग्रेस की यूपी इकाई के प्रवक्ता अशोक सिंह ने बताया था कि प्रियंका लखरीमपुर खीरी रवाना हो गई हैं और उन्हें नजरबंद किए जाने की पूरी आशंका है. मकान के बाहर 300 पुलिसकर्मी और 150 महिला कांस्टेबल के साथ ही 300 से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं के होने की बात कही गई थी.
प्रियंका ने हिंसा की घटना को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या इस देश में किसानों को जिंदा रहने का अधिकार है या नहीं. उन्होंने ट्वीट किया- ''भाजपा देश के किसानों से कितनी नफ़रत करती है? उन्हें जीने का हक नहीं है? यदि वे आवाज उठाएंगे तो उन्हें गोली मार दोगे, गाड़ी चढ़ाकर रौंद दोगे? बहुत हो चुका. ये किसानों का देश है, भाजपा की क्रूर विचारधारा की जागीर नहीं है. किसान सत्याग्रह मजबूत होगा और किसान की आवाज और बुलंद होगी.''