लखनऊःउत्तर प्रदेस के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई कीआर्थिक कमजोर वर्ग (EWS) कोटे में नियुक्ति का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. योगी सरकार के खिलाफ मौके की तालाश में बैठी विपक्षी पार्टियों को बैठे-बैठाये एक मजबूत मुद्दा मिल गया है, जिसके बहाने योगी सरकार को भ्रष्टाचार के आरोप में घेरा बंदी तेज होती दिखाई दे रही है. हालांकि मंत्री के भाई अरुण द्विवेदी ने पद से इस्तीफा जरूर दे दिया है, लेकिन कांग्रेस मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के इस्तीफे या फिर उनकी सरकार से बर्खास्तगी पर अड़ी है.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अशोक सिंह ने भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रियों के आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि आपदा में अवसर तलाशने वाली प्रजाति के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी द्वारा अपने भाई अरुण द्विवेदी के लिये किया गया फर्जीवाड़ा तो एक बानगी है. पूरी सरकार भ्रष्ट्राचार में आकंठ डूबी हुई है. सवाल उठाने वालों को योगी सरकार प्रताड़ित कर लोकतंत्र का गला घोंटने पर उतारू है. व्यवस्था के संरक्षण में भ्रष्टाचार चरम पर है. उन्होंने कहा कि मंत्री की सरकार से तत्काल बर्खास्तगी होनी चाहिए, जिससे जांच प्रभावित न होने पाए.
मंत्री ने अर्जित की है करोड़ों की बेनामी संपत्तियां
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अशोक सिंह ने सरकार पर भ्रष्टचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा कि बेसिक शिक्षा मंत्री ने मंत्री होने के बाद कई सौ करोड़ की नामी बेनामिया सम्पत्तियां भ्रष्टाचार करके अर्जित की हैं. इसकी हाइकोर्ट के वर्तमान जज की निगरानी में ईडी से जांच कराई जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि निर्धनों के अधिकार पर खुलेआम डाका डालने वाले मंत्री जी बताएं कि करोड़ों की सम्पत्ति मंत्री बनते ही कहां से अर्जित की. मंत्री के रूप में मिलने वाले वेतन से क्या वह इतनी सम्पत्तियां क्रय कर सकते थे?