लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के चार साल पूरे होने वाले हैं. आगामी 22 फरवरी को सरकार अपने इस कार्यकाल का पांचवां बजट पेश करने वाली है. ऐसे में 2017 के चुनाव में बीजेपी की तरफ से जारी लोक संकल्प पत्र में किए गए वादों को याद दिलाते हुए कांग्रेस ने योगी सरकार पर तंज कसा है. कांग्रेस ने मुख्यतः किसान के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि लोक संकल्प पत्र में किए गए एक भी वादे को सरकार अबतक पूरा नहीं कर पाई है.
लोक संकल्प पत्र के वादे पर एक कदम भी नहीं चल पाई योगी सरकारः कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. उमा शंकर पांडेय ने बयान जारी कर कहा कि गन्ना किसानों को 14 दिन में भुगतान करने व 120 दिन में पुराने बकाया भुगतान का वादा आज तक पूरा नहीं हुआ. किसानों की आय दोगुनी करने का वादा था, लेकिन डीजल, खाद, बीज, कीटनाशक, बिजली एवं अन्य कृषि उपकरणों पर महंगाई की मार से किसानों की लागत को ही दो गुना कर दिया, जिससे किसान तबाह और बर्बाद हो गया.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. उमा शंकर पांडेय ने बयान जारी कर कहा कि गन्ना किसानों को 14 दिन में भुगतान करने व 120 दिन में पुराने बकाया भुगतान का वादा आज तक पूरा नहीं हुआ. किसानों की आय दोगुनी करने का वादा था, लेकिन डीजल, खाद, बीज, कीटनाशक, बिजली एवं अन्य कृषि उपकरणों पर महंगाई की मार से किसानों की लागत को ही दो गुना कर दिया, जिससे किसान तबाह और बर्बाद हो गए.
बीजेपी की तरफ से किए गए सभी वादे दावे हवाहवाई साबित हुए. किसान की पीड़ा को समझने के स्थान पर भाजपा सरकार लगातार उन्हें उत्पीड़ित करने का काम कर रही है. कृषि लोन के बकाये की वसूली पर भी किसानों को उत्पीड़ित करने का काम सरकार करती रही है.
सब्सिडी तक कर दी खत्म
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. उमा शंकर पांडेय ने कहा कि किसान आंदोलन से बौखलाकर भाजपा भ्रम की नकारात्मक राजनीति कर रही है. किसानों को चार साल के शासनकाल में बर्बाद करने में हर स्तर पर प्रयास किया गया. विधान सभा चुनाव में अपने लोक संकल्प पत्र में किसानों से किए गए वादे सत्ता में आने के बाद पूरे नही किए. किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में जमा की गई प्रीमियम का चौथाई हिस्सा भी नहीं मिला जबकि ओलावृष्टि, दैवीय आपदा में उसकी फसल बर्बाद हुई. किसानों के साथ क्रूर मजाक करते हुए सवा दो रुपये तक के चेक दिए गए. प्रत्येक किसान को हेल्थ कार्ड व एनर्जी एफिशिएंट पम्प देना तो दूर रहा सिंचाई के लिए नलकूप लगवाने पर सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी तक खत्म कर दी गई.
एक भी वादा न हुआ पूरा
उन्होंने कहा कि प्याज, लहसुन और आलू का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने का किसानों से वादा कर सरकार बनाने वाली भाजपा इस वादे पर खरा उतरना तो दूर नकदी फसलों की बर्बादी पर एक शब्द भी नहीं बोली. दूसरी तरफ गन्ना किसानों के लिए राज्य परामर्शदात्री मूल्य तक का पिछले तीन वर्षों में निर्धारण नहीं किया. वर्तमान पेराई सत्र में भी किसान जीरो मूल्य अंकित पर्चियां लेकर अपना गन्ना मिलों को देने के लिये मजबूर है. डॉ. पाण्डेय ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रत्येक ब्लाक में किसानों के लिए भण्डारण गृह की व्यवस्था के किए वादे हों या सिंचाई के लिए नहरों की सफाई के दावे, वह जमीन पर नही उतरे. किसान सरकार के विज्ञापन में तो देखता है, लेकिन जमीनी हकीकत किसान अपनी आंखों से आज तक नहीं देख पाया.
किसान की तकदीर से खेलना बंद करे सरकार
डॉ. उमा शंकर पांडेय ने कहा कि खेती किसानी व किसानों के हित में सरकार में काम करने की इच्छाशक्ति कभी प्रदर्शित ही नहीं हुई, यदि होती तो सिंचाई के लिए ग्रामीण इलाकों में विद्युत दरों में बढ़ोतरी कर उन्हें पीड़ित करने का काम नहीं करती. उन्होंने कहा कि इवेन्ट एवं हेडलाइन मैनेजमेंट व विज्ञापन के बल पर किसान की तकदीर से खेलना भाजपा सरकार बंद करे.