लखनऊः प्रवासी मजदूरों और कामगारों को उनके घर भेजने के लिए 1000 बसों को अनुमति न दिए जाने से कांग्रेस नेता सरकार से नाराज हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर राजधर्म न निभाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने कहा कि मुख्यमंत्री की सहमति मिलने के बाद कांग्रेस ने बसों की सुविधा देने की कोशिश की, लेकिन सरकार ने घटिया राजनीति की वजह से मजदूरों को इससे वंचित कर दिया.
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्र मोना ने बुधवार की देर शाम ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस की उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अहंकार और हठधर्मिता की वजह से मजदूरों के लिए बस नहीं चलने दीं. उन्होंने ने कहा कि 1000 बसों को चलाने का प्रस्ताव कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुख्यमंत्री के सामने तब किया था, जब यूपी की सड़कों पर हजारों की संख्या में मजदूर पैदल चलने को मजबूर थे.
सुप्रिया श्रीनेत और आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जब प्रस्ताव पर सहमति जताई तो कांग्रेस ने राजस्थान और दिल्ली उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर गाजियाबाद में बसें उपलब्ध कराई. सरकार की ओर से बसों की सूची मांग कर मजदूरों की सहायता में रोड़ा अटकाया गया और बाद में बसों के रजिस्ट्रेशन नंबर को लेकर विवाद खड़ा किया गया. आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि सरकार की ओर से प्रियंका गांधी के कार्यालय को लिखित में ऐसी कोई सूचना नहीं दी गई. इससे पता चलता है कि सरकार को सौंपी गई सूची में कौन सी बस का नंबर सही दर्ज नहीं है.