लखनऊ: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research) यानी आईसीएमआर (ICMR) की नई गाइडलाइन राज्यों में पहुंच गई है. नए कोविड ट्रीटमेन्ट प्रोटोकॉल ने मरीज, तीमारदार व डॉक्टरों की उलझने बढ़ा दी हैं. अब प्लाज्मा थेरेपी को ही ले लें, काउंसिल ने इस पर रोक लगा दी है. जबकि, ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया (Drug Controller of India) यानी डीसीजीआई (DCGI) ने हरी झंडी दे रखी है. ऐसे में कोरोना के इलाज में कन्फ्यूजन पैदा हो गया है.
आईसीएमआर ने कोविड ट्रीटमेन्ट की नई गाइडलाइन जारी की है. ट्रीटमेन्ट के नए प्रोटोकॉल राज्यों में पहुंच चुके हैं. इसमें कोरोना मरीजों में प्लाज्मा थेरेपी को हटा दिया गया है. साथ ही कोरोना वायरस पर इसके प्रभाव को भी नाकाफी बताया है. साथ ही जीवनरक्षक दवा होने का दावा किए जाने वाले रेमेडिसिविर इंक्जेक्शन भी प्रोटोकॉल से गायब हो गया है. ऐसे ही एचसीक्यू टैबलेट को भी खारिज कर दिया गया है. ऐसे में कई राज्यों के मेडिकल कॉलेज, अस्पतालों में प्लाज्मा थेरेपी बंद कर दी गई है.
पहले हर दिन 15, अब एक-दो को थेरेपी
स्टेट नोडल ऑफिसर प्लाज्मा थेरेपी डॉ. तूलिका चंद्रा के मुताबिक आईसीएमआर की नई गाइड लाइन में प्लाज्मा थेरेपी को नकार दिया गया है, मगर ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की अभी अनुमति मिली हुई है. इसके आधार पर डॉक्टर के लेटर पर प्लाज्मा मुहैया कराया जा रहा है. मगर अब प्लाज्मा थेरेपी काफी कम हो गयी है. केजीएमयू में ही पहले जहां 15 मरीजों के लिए रोज प्लाज्मा की डिमांड आती थी, वहीं अब एक ही दो प्लाज्मा यूनिट के लिए फॉर्म आता है. इसका एक कारण मरीजों का कम होना भी है.