लखनऊ: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कलाम सेंटर में सोमवार को सेकंड नॉर्थ जोन कॉन्फ्रेंस का समापन किया गया. कॉन्फ्रेंस में पूरे उत्तर भारत से आए कई गेस्ट स्पीकर्स और पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थी शामिल हुए थे. सभी ने कंजरवेटिव डेंटिस्ट्री में चल रहे नए आयामों को लेकर चर्चा की थी.
केजीएमयू में आयोजित कॉन्फ्रेंस का हुआ समापन. इंडियन एसोसिएशन ऑफ कंजरवेटिव डेंटिस्ट्री ने किया आयोजन
- केजीएमयू में दो दिवसीय कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था.
- उत्तर भारत से आए कई गेस्ट स्पीकर्स और पीजी के विद्यार्थी शामिल हुए थे.
- कंजरवेटिव डेंटिस्ट्री को लेकर कॉन्फ्रेंस में चर्चा की गई थी.
- आयोजन इंडियन एसोसिएशन ऑफ कंजरवेटिव डेंटिस्ट्री एंड एंडोडोंटिक्स ने किया था.
- कॉन्फ्रेंस में लगभग 300 से भी अधिक रिसर्च पेपर प्रेजेंट किए गए.
- जिससे डेंटिस्ट्री को लेकर कई नई तरह की बातें सामने आई.
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कॉन्फ्रेंस में लगभग 300 से भी अधिक रिसर्च पेपर प्रेजेंट किए गए. सबसे अधिक प्रभावशाली रिसर्च पेपर नई दिल्ली के जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अजय लोगानी का था, जिसमें उन्होंने बताया कि मिनिरल ट्राईऑक्साइड नामक मटेरियल का इस्तेमाल करके रूट कैनाल ट्रीटमेंट के दौरान हम दांतों की नसों को खराब होने से बचा सकते हैं.
-डॉ. अनिल चंद्रा, दंत संकाय विभाग
कांफ्रेंस काफी प्रभावशाली और ज्ञानवर्धक साबित हुई. सबसे बेहतरीन टॉपिक और तकनीक मुझे 3D एडवांसमेंट लगा, जिसके तहत हम अपने इलाज के दौरान होने वाली गलतियों को न केवल कमतर कर सकते हैं. बल्कि इलाज में भी आसानी ला सकते हैं.
-डॉ. बृहद जुमना भरत, पीजी स्कॉलर
कई ऐसी तकनीक इलाज में सहायक हो गई है, जिनसे न केवल डॉक्टर्स बल्कि मरीजों को भी सुविधा मिलती है. उदाहरण के तौर पर यदि हम क्राउंस बनाने के लिए डेंटल इंप्रेशंस लेते हैं. उसके लिए अब इसी मटेरियल के स्थान पर डिजिटल स्कैनर का उपयोग कर सकते हैं. इससे मरीज को भी असुविधा नहीं होती है.
-डॉ. अनुराधा, जूनियर रेजिडेंट