लखनऊ: राजधानी के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर की होल्डिंग एरिया में एक चोटिल मरीज को घंटों तक इलाज नहीं मिला. मरीज के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उन्हें घंटों तक स्ट्रेचर के लिए इधर-उधर भागना पड़ा, जिसकी वजह से मरीज की हालत और गंभीर हो गई. वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच करवाकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
आठ सितंबर को सीतापुर निवासी दीपू छत से गिर गए थे, जिस वजह से उनके सिर समेत कई अंगों में चोट लग गई थी. घरवालों ने दीपू को सीतापुर के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां पर तबीयत में सुधार न होने पर उन्हें केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में रेफर कर दिया गया. मरीज के परिजनों का आरोप है कि गुरुवार सुबह 11:00 बजे मरीज को लेकर वह ट्रॉमा सेंटर पहुंचे. यहां पर उन्हें वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य विभाग में बने होल्डिंग एरिया में जाने के लिए कहा गया. एंबुलेंस मरीज को लेकर होल्डिंग एरिया पहुंची तो उसे बाहर ही रोक दिया गया और मरीज को स्ट्रेचर या फिर व्हीलचेयर पर लाने के लिए कहा गया.
इसके बाद से तकरीबन 2:30 बजे तक परिवार वाले व्हीलचेयर की खोज में भटकते रहे, लेकिन इसकी जानकारी देने वाला कोई नहीं मिला. इसकी वजह से एंबुलेंस में पड़े मरीज की हालत और खराब हो गई. परिवारीजनों का आरोप है कि होल्डिंग एरिया में पर्चा बनवाने के लिये भी लंबी लाइन लगी थी. इसकी वजह से वहां पर भी आधे घंटे से भी अधिक का वक्त गुजर गया. इसके बाद मरीज का कोरोना सैंपल लिया गया, लेकिन इलाज नहीं मिला.
बीते कुछ दिनों से मरीजों का दबाव काफी बढ़ गया है. भीड़ न बढ़े इस वजह से एंबुलेंस को बाहर ही रोका जाता है. स्ट्रेचर या व्हीलचेयर की कोई कमी नहीं है. मरीज को स्ट्रेचर समय पर क्यों नहीं मिला? इस बात का पता लगाकर उचित कार्रवाई की जाएगी.
डॉ. सुधीर सिंह, मीडिया प्रवक्ता, केजीएमयू