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UP Election 2nd Phase: बसपा की मजबूती से कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय, जानें समीकरण... - BSP supremo Mayawati

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दूसरे चरण की वोटिंग शुरू हो गई है. जहां 9 जिलों की 55 सीटों पर प्रत्याशी अपनी किस्मत अजमा रहे हैं. इनमें कई सीटें मुस्लिम बाहुल्य होने के चलते राजनीतिक पार्टियों ने सामाजिक-जातीय गणित को ध्यान में रखकर प्रत्याशी उतारे हैं. इस नीति को बसपा ने भी प्राथमिकता दी है जिसके चलते कई सीटों पर यहां मुकबला त्रिकोणीय हो गया है.

UP Election 2nd Phase
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Published : Feb 14, 2022, 8:57 AM IST

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए दूसरे चरण का मतदान शुरू हो गया है. जिसमें 9 जिलों की 55 सीटों के लिए प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. वहीं इनमें कई सीटों पर मुस्लिम मतदाता बड़ी तादाद में हैं. ऐसे में राजनीतिक पार्टियों ने सामाजिक-जातीय गणित को ध्यान में रखकर प्रत्याशी उतारे हैं. इस नीति को बसपा ने भी प्राथमिकता दी है ऐसे में विभिन्न सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है लिहाजा, जीत का दम भर रहे प्रत्याशियों में अंदर ही अंदर शंकाएं भी घर कर रही हैं.

यूं तो दूसरे चरण की इन 55 सीटों में जंग बीजेपी और समाजवादी पार्टी-रालोद गठबंधन के बीच होने के दावे सियासी गलियारों में किये जा रहे हैं. वहीं, बसपा का भी इन जिलों की कई सीटों पर बड़ा वोट बैंक है. इसके साथ ही मुस्लिम बहुल इलाकों में मुस्लिम प्रत्याशी उतारकर दलित-मुस्लिम कार्ड खेल दिया है. जिससे गठबंधन का गणित कई सीटों पर गड़बड़ा गया है और मुकाबला भी त्रिकोणीय हो गया है. अब परिणाम तो 10 मार्च को ही पता चलेगा. मगर, बसपा की रणनीति से विपक्षियों की नींद उड़ गई है.

इन जिलों में मुस्लिम मतदाताओं का रसूख
दूसरे चरण में कई जिले ऐसे हैं. जहां मुस्लिम आबादी काफी है. इसमें मुरादाबाद जहां 50.8 फीसद मुस्लिम, रामपुर में 50.6, सहारनपुर में 41.95 फीसद, बिजनौर में 43.04 फीसद मुस्लिम मतदाता हैं. अमरोहा में 40.04 फीसद, संभल में 32.9 फीसद और बरेली में 34.54 फीसद मुस्लिम मतदाता भारी उलटफेर करने का माद्दा रखते हैं. ऐसे में इन 55 सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं के ज्यादा होने की वजह से भाजपा को छोड़कर राजनीतिक पार्टियों ने मुस्लिमों को ज्यादा टिकट दिए हैं.

समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस ने इन 9 जिलों में 78 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है. जिनमें से 18 कैंडिडेट सपा और रालोद के गठबंधन से हैं. बहुजन समाज पार्टी से 23 कैंडिडेट सबसे ज्यादा हैं. कांग्रेस से 21 और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से 15 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं. भारतीय जनता पार्टी ने इन जिलों में किसी भी मुस्लिम कैंडिडेट को टिकट नहीं दिया है. उनके सहयोगी दल की तरफ से एक मुस्लिम कैंडिडेट को टांडा स्वार की सीट से उतारा गया है.

इन सीटों पर त्रिकोणीय मुकबाले की चर्चा, दिग्गजों की भी बसपा ने उड़ाई नींद
सहारनपुर की बेहट सीट पर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के संयुक्त प्रत्याशी उमर अली और बहुजन समाज पार्टी से रईस मलिक के आने से मुकाबला भाजपा के साथ त्रिकोणीय हो गया है. ऐसे ही धामपुर सीट पर समाजवादी पार्टी से नईम उल हसन हैं तो बसपा से हाजी कमाल भाजपा को टक्कर दे रहे हैं. बढ़ापुर सीट से बसपा के मोहम्मद गाजी भी प्रतिद्वंदी सपा-भजापा को टक्कर दे रहे हैं.

रामपुर सीट पर सपा के कद्दावर नेता आजम खान के खिलाफ भाजपा ने आकाश सक्सेना को उतारा है. वहीं बसपा ने सदाकत हुसैन को उतारकर खलबली मचा दी है. उधर, स्‍वार विधानसभा सीट से आजम खान के बेटे अब्‍दुल्‍ला आजम खान चुनावी मैदान में हैं. यहां पर भाजपा-अपना दल गठबंधन से हैदर अली मैदान में हैं. वहीं बसपा के शंकर लाल सैनी की टक्कर ने लड़ाई त्रिकोणीय कर दी है. इसके अलावा नकुड़ सीट से बहुजन समाज पार्टी के साहिल खान भी बड़ी टक्कर दे रहे हैं.

शाहजहांपुर की सदर सीट से मंत्री सुरेश खन्ना चुनावी मैदान में हैं. इस पर समाजवादी पार्टी के तनवीर खान चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं बहुजन समाज पार्टी के सर्वेश चंद्र ने मुकाबले को रोमांचक बना दिया है. ऐसे ही आंवला विधानसभा सीट पर भाजपा सरकार में मंत्री रहे धर्मपाल सिंह मैदान में है. अब उनकी टक्कर समाजवादी के राधा कृष्ण और बहुजन समाजवादी पार्टी के लक्ष्मण प्रसाद से है. जहां उनकी राह आसान नहीं मानी जा रही है.

अमरोहा सीट पर समाजवादी पार्टी में पूर्व मंत्री रहे महबूब अली एक बार फिर मैदान में हैं. भाजपा से राम सिंह सैनी चुनाव लड़ रहे हैं. बसपा ने इस सीट पर नावेद को प्रत्याशी बनाकर मुकाबला दिलचस्प बना दिया है. ऐसे ही बिलासपुर विधानसभा से योगी सरकार के मंत्री बलदेव सिंह औलख हैं. इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने अमरजीत सिंह को मैदान में उतारा है. वहीं बहुजन समाज पार्टी से राम अवतार कश्यप ताल ठोक रहे यहां भी मुकाबला त्रिकोणीय है.

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