लखनऊ:उत्तर प्रदेश में हाल ही में डीएम से कमिश्नर पद पर प्रोन्नत हुए अधिकारी मंडलों में नहीं जाना चाहते हैं. वे आबकारी और आवास विकास परिषद के कमिश्नर बनना चाहते हैं. इसके चलते ये जिलाधिकारी अपनी प्रोन्नत पदों या जगहों पर भी नहीं जा रहे जिसके चलते संबंधित जिलों में जिलाधिकारी की नियुक्ति और ज्वाइनिंग प्रक्रिया भी बाधित हो रही है. इससे कामकाज भी प्रभावित हो रहा है.
सूत्रों की मानें तो एक बड़े जिले के जिलाधिकारी आवास आयुक्त बनने के लिए तगड़ा जुगाड़ तलाश रहे हैं. इसके लिए वह उत्तर प्रदेश से केंद्र सरकार तक अपने सभी 'जुगाड़ों' और उनके दरवाजों को खटकाने में लगे हुए हैं. माना जाता है कि उनकी इसी जुगाड़बाजी के चलते न तो अब तक उन्हें नई जगह पर प्रोन्नति मिल पाई है और न ही उनकी जगह कोई दूसरा जिलाधिकारी उनकी जगह ज्वाइन कर सका है.
गौरतलब है कि 2006 बैच के सभी आईएएस सचिव स्तर पर पदोन्नति पा चुके हैं. इनमें डीएम लखनऊ अभिषेक प्रकाश, डीएम वाराणसी कौशलराज शर्मा, डीएम अलीगढ़ सेल्वा कुमारी और डीएम इटावा श्रुति कमिश्नर पद पर प्रमोट हो चुकीं हैं. 16 अप्रैल के बाद ज़िलों में तैनात 2006 बैच के आईएएस अफसरों को शासन में सचिव या मंडलों में मंडलायुक्त के रूप में तैनाती मिलेगी. हालांकि इनमें से अधिकांश अफसरों की आंखों में अभी भी जिले का जलवा बरकरार है. शायद यही वजह है कि वह जिलों में ही किसी बड़े पद पर प्रोन्नत होकर आना चाहते हैं. मगर शासकीय नियमों के दायरे में बंधे होने की वजह से इनको अब अपना जिला छोड़ना ही पड़ेगा. इन जिलों में नए जिलाधिकारी तैनात किए जाएंगे. इन अधिकारियों को 16 अप्रैल तक जिलाधिकारी आवास छोड़ना है.