लखनऊ: राजधानी में 6 जनवरी को हुए अजीत हत्याकांड के बाद पुलिस किराये पर रहने वाले लोगों का सत्यापन कर रही है. इस दौरान नवनिर्मित अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों का भी सत्यापन किया जा रहा था. यह काम कुछ दिनों बाद ठप हो गया था. हालांकि, कमिश्नर ने मकान मालिकों से किरायेदारों को रखने से पहले उनका सत्यापन कराने की अपील की है.
किरायेदार का सत्यापन कराने के लिए कमिश्नर की अपील. बता दें कि अजीत हत्याकांड भी किराये के मकान से जुड़ा था. इसके बाद लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने नवनिर्मित अपार्टमेंट में रहने वालों की आईडी का सत्यापन कराने के निर्देश दिए थे. साथ ही अपार्टमेंट में खाली पड़े फ्लैट की भी जानकारी की जा रही थी. समय बीतने के साथ ही यह सत्यापन बंद हो गया.
अजीत हत्याकांड का मामला
लखनऊ में 6 जनवरी को पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ कन्हैया विश्वकर्मा को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था. गिरधारी विश्वकर्मा और उसका शूटर लखनऊ के प्लूमेरिया अपार्टमेंट में एक व्यापारी के मकान में रुके थे. यह जानकारी अपार्टमेंट की तरफ से पुलिस को नहीं दी गई थी. इसके बाद दूसरी घटना विकासनगर में देखने को मिली थी. वहां पर पंजाब का आतंकी लखनऊ में किराये पर रहकर अपने लोगों को सक्रिय कर रहा था. पंजाब पुलिस के इनपुट पर लखनऊ की क्राइम ब्रांच ने उसे दबोच लिया था. इन सभी केसेस में मकान मालिक की लापरवाही देखने को मिली है. मकान मालिक ने बिना सत्यापन कराये ही इन लोगों को किराये पर मकान दे दिया था. तीसरी घटना इंदिरानगर में देखने को मिली थी. यहां पर बीते मंगलवार को एसटीएफ ने दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था. ये दोनों किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में थे.
मकान मालिक को हो पूरी जानकारी
इन मामलों को देखते हुए पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहा है कि किरायेदारों का सत्यापन पूरी तरह से कराया जाएगा. इस प्रक्रिया से मकान मालिक को तो सुरक्षा मिलेगी ही, साथ ही अपराध में भी कमी आएगी. उन्होंने कहा कि अक्सर यह देखने को मिलता है कि बाहर का व्यक्ति किराये का मकान ले लेता है, लेकिन वह व्यक्ति किन गतिविधियों में शामिल है, इस बात की जानकारी मकान मालिक को नहीं होती है. उन्होंने कहा कि मकान मालिकों से अपील है कि वे मकान या कमरे किराए पर देने से पहले किराएदार का सत्यापन जरूर कराएं.