लखनऊः कुंडा के सीओ जियाउल हक हत्याकांड के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश प्रेम प्रकाश ने बचाव पक्ष के उस प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. जिसमें मुकदमे से जुड़े तमाम दस्तावेज दिलाए जाने की मांग की गई थी. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 31 मई की तिथि नियत की है. साथ ही ये भी टिप्पणी की है कि बचाव पक्ष ने ये प्रार्थना पत्र मात्र विचारण को विलम्बित करने के उद्देश्य से दाखिल किया है.
सीबीआई की ओर से प्रार्थना पत्र का विरोध करने हुए विशेष लोक अभियोजक के पी सिंह का तर्क था कि इसी प्रकार का एक अन्य प्रार्थना पत्र पूर्व में भी दाखिल किया गया था. इसके अलावा अभियोजन जिन दस्तावेजों पर विश्वास करता है. उन्हें आरोपियों को धारा 207 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत नियमानुसार 1 अक्टूबर 2013 को ही प्रदान किया जा चुका है. प्रार्थना पत्र के विरोध में ये भी दलील दी गई है कि एक अन्य प्रार्थना पत्र 294 दंड प्रक्रिया संहिता और धारा 227 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत बचाव पक्ष द्वारा 10 जून 2015 को न्यायालय में दिया गया था. दिसे सुनवाई के उपरांत 17 जुलाई 2015 को खारिज कर दिया गया है.