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CMO Suspended : सीएमओ सोनभद्र सस्पेंड, डिप्टी सीएम के निर्देश पर प्रमुख सचिव ने की कार्रवाई - मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोनभद्र

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर प्रमुख सचिव ने कार्य में शिथिलता बरतने पर सीएमओ सोनभद्र को सस्पेंड कर दिया है. उप मुख्यमंत्री का कहना है कि दायित्वों को जिम्मेदारी से न निभाने एवं कार्यों में लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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Published : Feb 18, 2023, 10:50 PM IST

लखनऊ : कार्य में शिथिलता बरतने पर सीएमओ सोनभद्र को सस्पेंड कर दिया गया है. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर प्रमुख सचिव ने यह कार्रवाई की है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सोनभद्र द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट के नियमों की अनदेखी करने, शासकीय प्रावधानों की अवहेलना करने एवं अपने पदीय दायित्वों में लापरवाही बरतने के मामले को लेकर उन्हें सस्पेंड किया गया है. उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के निर्देश पर प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने सीएमओ सोनभद्र को निलंबित करने का आदेश जारी किया है. उप मुख्यमंत्री का कहना है कि दायित्वों को जिम्मेदारी से न निभाने एवं कार्यों में लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने यह जानकारी ट्वीट करके दी है.

सीएमओ सोनभद्र सस्पेंड, डिप्टी सीएम के निर्देश पर प्रमुख सचिव ने की कार्रवाई

डिप्टी सीएम ने ट्वीट में जानकारी दी है कि सोनभद्र के सीएमओ ने पीसीपीएनडीटी एक्ट और शासकीय प्रावधानों का उल्लंघन किया है. साथ ही अपने दायित्वों में लापरवाही बरती है. इसी के तहत कार्रवाई करते हुए उन्होंने प्रमुख सचिव चिकित्सा और स्वास्थ्य को इस संबंध में आदेश दिया कि सीएमओ को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए. डिप्टी सीएम बृजेश पाठक बीती 6 फरवरी को सोनभद्र जिले का दौरा किया था. डिप्टी सीएम बार एसोसिएशन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे. इसके बाद उन्होंने जनपद के दौरे के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक भी की थी. बताया जाता है कि उसी समीक्षा बैठक में यह बात सामने आई थी कि स्वास्थ्य विभाग में तमाम अनियमितताएं हैं. साथ ही साथ जिले में संचालित नर्सिंग होम द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट (पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम) का साफ तौर पर उल्लंघन किया जा रहा था. इस दौरान पत्रकारों ने भी डिप्टी सीएम से जिले में कई बिना रजिस्ट्रेशन के नर्सिंग होम और अवैध क्लिनिक संचालित होने की जानकारी दी थी.

इसके अलावा राजकीय नर्सेस संघ ने राजकीय मेडिकल कॉलेजों में नसों की भर्ती लोक सेवा आयोग के माध्यम से करने और किसी भी दूसरी संस्थाओं को नर्सिंग भर्ती परीक्षा की जिम्मेदारी नहीं सौंपने की मांग की है. इस संबंध में शनिवार को संघ ने मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री व प्रमुख सचिव को मांग पत्र भेजा है. नर्सेस संघ के महामंत्री अशोक कुमार ने बताया कि पीजीआई को अयोध्या, बस्ती, बहराइच, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, एटा, हरदोई, गाजीपुर, देवरिया, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर, मिर्जापुर व जौनपुर मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती हे के लिए विज्ञप्ति जारी की गई है.

नर्सेस संघ का कहना है कि प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा विभाग, केजीएमूय स्टाफ नर्सों की सीधी भर्ती उप्र लोक सेवा आयोग से करा रहा है. सरकार की मंशा के अनुरूप निष्पक्ष रूप जनहित में विगत वर्षों में भर्तियां हुई हैं. इसी प्रकार बाकी मेडिकल कॉलेजों में भी भर्ती प्रक्रिया अपनाई जाए. ताकि किसी प्रकार की अनियमितता एवं भ्रष्टाचार को रोका जा सके. उन्होंने कहा कि हाल ही में लोहिया संस्थान की नर्सिंग भर्ती परीक्षा में ढेरों अनियमितता उजागर हुई हैं. इससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है. भर्ती प्रक्रिया में भी देरी हो रही है. इससे भी सरकार की किरकिरी हो रही है.लिहाजा लोक सेवा आयोग के हाथों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी कराई जाए.

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