लखनऊः यूपी विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जाति विशेष को लेकर भी चर्चा हुई. सीएम योगी ने यह मामला उठाया. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शासन में रोजगार में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. हम शौचालय देने की बात करते हैं, ये लोग जाति की बात करते हैं. हम मकान देने की बात करते हैं ये लोग जाति की बात करते हैं. हम रोजगार की बात करते हैं ये जाति की बात करते हैं. हम किसान के खेत में पानी पहुंचाने की बात करते हैं ये जाति की बात करते हैं. हम किसान को उपज का दोगुना दाम देने की बात करते हैं तो ये जाति की बात करते हैं.
धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जाति विशेष को लेकर भी चर्चा हुई हम यूपी के औद्योगिकीकरण की बात करते हैं तो ये जाति की बात करते हैं. हम परंपरागत उद्योगों को आगे बढ़ाने की बात करते हैं तो ये जाति की बात करते हैं. उत्तर प्रदेश को जहां से निकालकर आगे बढ़ाने का काम हुआ है, ये लोग उससे पीछे धकेलने की बात करते हैं. जाति के नाम पर उन्होंने क्या किया है. (एक अखबार की कटिंग दिखाते हुए) देखिए, यूपीएससी का मायाजाल, 86 एसडीएम में 56 एक जाति विशेष के. 86 एसडीएम यूपी लोकसेवा आयोग से चयनित होते हैं उसमें 56 एक जाति विशेष के होते हैं.
इसके जवाब में अखिलेश यादव बोले, यह सूची ऑन द फ्लोर हाउस उपलब्ध कराई जाए. यह सबकी जानकारी में आ जाए. सीएम योगी ने कहा कि हां उपलब्ध कराया जाएगा. सीएम योगी ने कहा कि सबको मालूम है कि उस समय़ में भर्ती में क्या होता था. किसी से कुछ छुपा नहीं था. उस समय जो परिस्थिति थी उससे काफी दुख होता था. यूपी की जनता पर इसलिए गर्व होता है क्योंकि उन्होंने 2014 से अब तक बीजेपी को बार-बार जनादेश दिया है. सीएम योगी ने कहा कि पॉलिटिकल क्रेडिबिलिटी का सबसे बड़ा माध्यम है जनादेश. दूसरा सबसे बड़ा माध्यम है देश और दुनिया का विश्वास. यूपी में 33 लाख करोड़ का निवेश इसका उदाहरण है. (अखिलेश यादव की ओर इशारा करते हुए) सीएम योगी बोले, आप उस पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. सीएम योगी ने कहा कि दिनकर जी ने बड़ी अच्छी कविता कही है मूल जानना बड़ा कठिन है नदियों का, वीरों का, धनुष छोड़ कर और गोत्र क्या होता है रणधीरों का, पाते हैं सम्मान तपोबल से भूतल पर शूर, 'जाति-जाति' का शोर मचाते केवल कायर क्रूर. इनको यूपी के बेरोजगारों और किसानों की चिंता नहीं है.
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