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गो संरक्षण में लापरवाही पर मुख्यमंत्री सख्त, 8 अधिकारी निलंबित

निराश्रित गोवंश की सरकारी आश्रय स्थलों में हुई मौतों से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं. वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान अधिकारियों को जमकर फटकारा.

बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.

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Published : Jul 15, 2019, 8:04 AM IST

Updated : Jul 15, 2019, 10:11 AM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गो संरक्षण मामलों की समीक्षा की. इस दौरान जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई. साथ में भविष्य में ऐसी घटनाओं के होने पर वह बतौर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी.

बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अयोध्या और मिर्जापुर के जिला अधिकारी समेत कई अधिकारियों को नोटिस दिए जाने का निर्देश दिया. वहीं अयोध्या और मिर्जापुर के जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया.


सीएम योगी ने कई अधिकारियों को नोटिस तो कई के निलंबन के दिए आदेश-
अयोध्या के वीडीओ मिल्कीपुर और उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, मिर्जापुर के ईओ नगर पालिका, नगर अभियंता और सीवीओ को निलंबित करने का आदेश भी दिया. मिर्जापुर के डीएम, औरैया के डीएम सीवीओ और नगर आयुक्त को भी मुख्यमंत्री ने नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है. अयोध्या नगर निगम कांजी हाउस प्रभारी डॉ. उपेंद्र कुमार और विजेंद्र, बीडीओ मिल्कीपुर अयोध्या और डिप्टी सीवीओ मिल्कीपुर को भी मुख्यमंत्री ने निलंबित करने का आदेश दिया.


मंडलायुक्त को भी दिए कड़े निर्देश-
उन्होंने मंडलायुक्त को भी निर्देश दिया कि अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ भी वह कार्रवाई करें. अयोध्या, रायबरेली, हरदोई, बाराबंकी लखनऊ, प्रयागराज जिले के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की. जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा कि जब निराश्रित गोवंश अखिलेश सरकार ने प्राथमिकता तय कर दी है. फिर ऐसी सूचनाएं क्यों मिल रही हैं. जहां गोवंश को मृत्य या बीमारी का सामना करना पड़ रहा है.


अधिकारियों की लापरवाही नहीं की जायेगी बर्दाश्त-
मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित गोवंश समाज के लिए ज्वलंत समस्या है. कानून व्यवस्था के लिए के सामने भी संकट खड़ा करता है. किसानों के लिए परेशानी पैदा करता है. ऐसे में यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा कि अधिकारियों की लापरवाही से गोशालाओं में गोवंश दम तोड़ दे. शासन की ओर से गोवंश के भरण-पोषण के लिए रात में कोई कमी नहीं है. आश्रय स्थल के लिए पर्याप्त धन अवमुक्त किया जा रहा है तो फिर देखरेख में लापरवाही किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जो मौतें हुई हैं उसके लिए कौन जिम्मेदार है. जिलाधिकारी खुद मौके पर जाकर निरीक्षण करें और 2 दिन के अंदर निरीक्षण और सुरक्षा मानकों को पूरा करें. यह सुनिश्चित करें कि बीमार पशुओं के टीकाकरण कार्रवाई निश्चित रूप से हो सके.


पशुओं का रखा जाये पूरा ध्यान-
बारिश होने पर पशुओं को अस्थाई आश्रय स्थलों से शिफ्ट करने की व्यवस्था करें. चारे और पानी का पूरा इंतजाम रखें. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि कैटेगरी के अनुसार बीमार उम्र दराज कम उम्र और मादा पशुओं को अलग-अलग रखने की व्यवस्था करें. जो गोवंश निराश्रित हैं उन्हें किसान या अन्य लोगों को देखरेख के लिए दे और उन्हें प्रतिमाह सुनिश्चित राशि देने की व्यवस्था करें.

Last Updated : Jul 15, 2019, 10:11 AM IST

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