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यूपी में रविवार को लॉकडाउन, दूसरी बार बिना मास्क पाए जाने पर 10 हजार का जुर्माना

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Published : Apr 16, 2021, 1:34 PM IST

Updated : Apr 16, 2021, 3:20 PM IST

उत्तर प्रदेश में रविवार को पूर्ण लॉकडाउन रहेगा. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह बड़ा फैसला सीएम योगी ने शुक्रवार को टीम-11 के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक के दौरान लिया. अब यूपी में पहली बार बिना मास्क पाए जाने पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगेगा. वहीं दूसरी बार बिना मास्क के पाए जाने पर दस गुना जुर्माना लगाया जाएगा.

सीएम योगी
सीएम योगी

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, सीएमओ और टीम-11 के सदस्यों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं. इस दौरान सीएम योगी ने प्रदेश में रविवार को वीकेंड लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है. यूपी में सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रविवार को तालाबंदी रहेगी. आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी बाजार दफ्तर बंद रहेंगे. प्रदेश में कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन न मिलने की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया गया है.

पूरे यूपी में रविवार को लॉकडाउन
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के सभी ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में रविवार को साप्ताहिक बंदी होगी. इस अवधि में केवल स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और आपातकालीन सेवाएं ही संचालित होंगी. इस संबंध में आवश्यक जागरुकता कार्य भी किए जाएं.

मास्क न लगाने वालों पर लगेगा भारी जुर्माना
बैठक के दौरान आम लोगों के मास्क लगाए जाने पर गंभीरता से विचार किया गया. सीएम ने अफसरों से कहा कि प्रदेश में सभी के लिए मास्क लगाना अनिवार्य है. पहली बार बिना मास्क के पकड़े जाने पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. अगर दूसरी बार बिना मास्क के पकड़ा जाता है, तो दस गुना अधिक जुर्माना लगाया जाएगा. यानि कि दूसरी बार बिना मास्क के पकड़े जाने पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.

उद्योगों को मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की कमिश्नर अनीता सिंह ने जारी आदेश में कहा कि कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण प्रदेश में आक्सीजन की मांग तेजी से बढ़ी है. ऐसे में अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग एवं आपूर्ति की स्थिति को देखते हुए उद्योगों को दी जाने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति तत्काल प्रभाव से रोकी जा रही है, जिससे कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाई जा सके. ऐसी स्थिति में मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादकों अथवा रिफिल कर्ताओं के प्लांट में उत्पादित या रिफिल किया गया ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पतालों के लिए ही सप्लाई होगा. फिलहाल उद्योगों को मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद की जा रही है.

प्रयोगशालाएं पूरी क्षमता के साथ करें काम
बैठक के दौरान निर्देश दिए गए कि कोविड टेस्ट के लिए सरकारी और निजी प्रयोगशालाएं पूरी क्षमता के साथ कार्य करें. इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है. कोविड टेस्टिंग के लिए शासन स्तर पर दरें भी तय की जा चुकी हैं. जिला प्रशासन क्वॉलिटी कंट्रोल के साथ इन व्यवस्थाओं को लागू किया जाना सुनिश्चित करें. सीएम ने कहा है कि प्रदेश के सभी शासकीय चिकित्सालयों में ओपीडी सेवाएं स्थगित रखी जाएं. इस समय भीड़ संक्रमण को बढ़ाने वाला हो सकता है. ओपीडी सेवाओं के लिए टेलीकंसल्टेशन को बढ़ावा दिया जाए. सरकारी चिकित्सालयों में केवल आपातकालीन सेवाएं ही संचालित हों. मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों का आयोजन 15 मई तक स्थगित रखा जाए.

लखनऊ के कई अस्पताल बन रहे हैं कोविड अस्पताल
सीएम ने कहा कि लखनऊ के केजीएमयू, बलरामपुर चिकित्सालय और कैंसर इंस्टिट्यूट को डेडीकेटेड कोविड चिकित्सालय बनाया जा रहा है. इससे कोविड मरीजों के उपचार के लिए और अच्छी सुविधा प्राप्त हो सकेगी. इसी प्रकार, एरा मेडिकल काॅलेज, टीएस मिश्रा मेडिकल काॅलेज, इंटीग्रल मेडिकल काॅलेज, मेयो मेडिकल काॅलेज तथा हिन्द मेडिकल काॅलेज को पूरी तरह डेडीकेटेड कोविड हाॅस्पिटल घोषित किया गया है. यहां अतिशीघ्र सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं. आपातकालीन सेवाओं के लिए लखनऊ में ट्रॉमा सेंटर का संचालन सुचारू रखा जाए.

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'हमारे पास कोविड प्रबंधन का अच्छा अनुभव'

इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पास कोविड प्रबंधन का बेहतरीन अनुभव है. हमारी नीति और नीतियों को वैश्विक स्तर पर सराहना मिली है. कोविड-19 की इस लड़ाई में हमारी जीत निश्चित है. प्रदेश के प्रत्येक नागरिक की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है. कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सभी के हित में है. मास्क, सैनिटाइजेशन और शारीरिक दूरी को हमें अपनी जीवनशैली में शामिल करना होगा.

'होम आइसोलेशन वाले लोगों का ध्यान रखा जाए'

होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों के बारे में भी बैठक में चर्चा की गई. इस दौरान कहा गया कि लोगों की सुविधाओं और जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए. ऐसे मरीजों को सभी प्रकार की आवश्यक दवाओं को समाहित करते हुए मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए. मेडिकल किट में न्यूनतम एक सप्ताह की दवा जरूर हो. दवाओं की कहीं कोई कमी नहीं है. इस कार्य की हर दिन समीक्षा की जाए.


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नियत समय पर बैठक करने के निर्देश

चर्चा के दौरान यह भी कहा गया कि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में प्रतिदिन डीएम, पुलिस कप्तान और सीएमओ नियत समय पर बैठक करें. स्थानीय स्थिति की समीक्षा कर वो आगे की रणनीति तय करें. अस्पताल में इलाजरत तथा होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की जरूरतों और समस्याओं का पूरा ध्यान रखें. सीएम हेल्पलाइन 1076 के माध्यम से मरीजों से लगातार संवाद बनाया रखा जाए. हर दिन की स्थिति से मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराया जाए. प्रदेश के सभी जिलों में, ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और फॉगिंग का कार्य अभियान के रूप में संचालित किया जाए. आमजन को भी इन कार्यों की महत्ता से अवगत कराया जाए.

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'कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन और दवाओं की आपूर्ति बनी रहे'

सीएम ने निर्देश दिए कि सभी जनपदों के कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की अनवरत आपूर्ति बनी रहे. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा मेडिकल ऑक्सीजन की सुचारू आपूर्ति के संबंध में स्थापित कंट्रोल रूम 24×7 सक्रिय रहें. ऑक्सीजन उपलब्धता की दैनिक समीक्षा करें. प्रत्येक जनपद में चिकित्साकर्मियों, कोविड बेड, दवाओं, मेडिकल उपकरणों तथा ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता हमेशी बनी रहे. एम्बुलेंस सेवाओं का सुचारू संचालन सुनिश्चित हो. किसी प्रकार की आवश्यकता पर शासन को अवगत कराएं.

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विधायक निधि का फिर किया जा सकता है इस्तेमाल

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग रेमडेसिवीर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें. मुख्य सचिव कार्यालय से इसकी मॉनिटरिंग की जाए. आगामी एक माह की स्थिति का आंकलन करते हुए अतिरिक्त रेमडेसिवीर क्रय किया जाए. सीएम ने यह भी कहा कि कोविड की रोकथाम से संबंधी कार्यों में विगत वर्ष विधायक निधि उपयोगी सिद्ध हुई थी. इस वर्ष भी कोविड केयर फंड की नियमावली के अनुरूप विधायकगणों की अनुशंसा पर उनकी निधि का कोविड प्रबंधन में उपयोग किया जा सकता है. इस पर विचार किया जा रहा है.

गरीबों को जल्द राहत राशि देगी सरकार

बैठक में जोर देते हुए सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रत्येक नागरिक के जीवन और जीविका की सुरक्षा के लिए संकल्पित है. कोविड के कारण लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं. भरण व पोषण भत्ता के पात्र लोगों की सूची अपडेट कर ली जाए. सरकार जल्द ही इन्हें राहत राशि प्रदान करेगी. अंत्योदय सहित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत राशन वितरण कार्य की व्यवस्था की समीक्षा कर ली जाए. सरकार सभी जरूरतमंदों को राशन और भरण-पोषण भत्ता उपलब्ध कराएगी.

'बढ़ाई जाए बेडों की संख्या'

कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी जैसे अधिक संक्रमण दर वाले सभी 10 जिलों में व्यवस्था और सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर इस दौरान जोर दिया गया. इस दौरान विचार किया गया कि स्थानीय जरूरतों के अनुसार नए कोविड हॉस्पिटल बनाए जाएं. बेड्स बढ़ाए जाएं. निजी हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल के रूप में परिवर्तित किया जाए. प्रयागराज में अविलंब यूनाइटेड मेडिकल कॉलेज को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में परिवर्तित किया जाए.

'मरीजों तक समय से पहुंचे एम्बुलेंस'

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच समय से एंबुलेंस नहीं मिलने की भी शिकायतें देखी गई हैं. इस मामले में भी विचार किया गया. सीएम ने कहा कि 108 की आधी एम्बुलेंस केवल कोविड मरीजों के उपयोग के लिए रखी जाएं. इस कार्य में कतई देरी न हो. होम आइसोलेशन के मरीजों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए. एम्बुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम कम से कम हो. ऑक्सीजन और अन्य चिकित्सकीय जरूरतों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. किसी प्रकार की जरूरत होने पर तत्काल शासन को अवगत कराएं.

डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल की संख्या बढ़ाने पर जोर

डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल की संख्या बढ़ाए जाने पर भी बल दिया गया. कहा गया कि एल-2 व एल-3 स्तर के अस्पतालों की संख्या में बढ़ोतरी की जाए. कहीं भी बेड की कमी कतई न हो. अस्पतालों में प्रशिक्षित मानव संसाधन की व्यवस्था सुनिश्चित करें. प्रदेश में हर दिन सवा 2 लाख से अधिक कोविड टेस्ट हो रहे हैं. इसे और विस्तार दिए जाने की आवश्यकता है. कोविड से लड़ाई में टेस्टिंग अत्यंत महत्वपूर्ण हथियार है. अन्य प्रदेशों से आने वाले यात्रियों व लोगों के लिए एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन व बस स्टेशनों पर रैपिड एन्टीजन टेस्ट की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं.

Last Updated : Apr 16, 2021, 3:20 PM IST

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