लखनऊःदेश की राजधानी से सटे एनसीआर क्षेत्र में दमघोटू प्रदूषण को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त दिखे. जिसके तहत उन्होंने अफसरों को एनसीआर में प्रदूषण की समस्या के स्थायी निस्तारण के लिए निर्देश भी दिया. उन्होंने अफसरों को यह भी निर्देश दिया कि लोगों को सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करें.
लोगों को सार्वजनिक परिवहन के लिए करें प्रोत्साहित
बता दें कि सीएम योगी ने आज मंगलवार को अफसरों की उच्च स्तरीय टीम-9 के साथ बैठक करके दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण की समस्या के स्थायी निदान के लिए नियोजित प्रयास की आवश्यकता है। लोगों को निजी वाहन के स्थान पर परिवहन के सार्वजनिक साधनों के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करें. पराली न जलाने के लिए किसानों से संवाद किया जाए.
यूपी में चल रही ऑक्सीजन प्लांट स्थापना अभियान
उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट स्थापना अभियान स्वरूप में की जा रही है. पीएम केयर से स्वीकृत कुल 128 प्लांट्स एक्टिव हो चुके हैं. इस तरह अब तक विभिन्न जिलों में कुल 517 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील किये जा चुके हैं. शेष प्लांट की स्थापना का कार्य यथाशीघ्र पूरा किया जाए.
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CM योगी का अफसरों को सख्त निर्देश, बोले- NCR में प्रदूषण की समस्या का हो स्थायी समाधान
एनसीआर में प्रदूषण समस्या के स्थायी निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को दिया निर्देश . सीएम ने अफसरों को निर्देश दिया कि लोगों को सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करें. जिलाधिकारियों को धान क्रय केंद्रों का निरीक्षण करने का दिया निर्देश.
अब तक 6 लाख किसानों को 200 करोड़ की हुई क्षतिपूर्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ अतिवृष्टि से प्रभावित सभी किसानों को तत्काल फसल क्षतिपूर्ति की जाए. अब तक 6 लाख किसानों को 200 करोड़ की क्षतिपूर्ति की जा चुकी है. शेष चिन्हित किसानों को भी तत्काल भुगतान किया जाए. एक भी किसान, जिसकी फसल बाढ़/अतिवृष्टि से खराब हुई हो, उनकी क्षतिपूर्ति जरूर की जाए. यह कार्य पूरी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ किया जाए.
DM स्वयं करें धान क्रय केंद्रों का निरीक्षण
उन्होंने कहा कि प्रदेश में धान खरीद की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी धान क्रय केंद्रों पर व्यवस्था सुचारु रूप से बनी रहे. जिलाधिकारी स्वयं क्रय केंद्रों का निरीक्षण करें और जिलों में नोडल अधिकारी एक्टिव रहें. किसानों को भुगतान में देरी न हो.