लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन सभागार में मंगलवार को मिशन रोजगार के तहत उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 1,573 एएनएम स्वास्थ्य कार्यकर्त्रियों को नियुक्ति पत्र सौंपा. वहीं, इस दौरान लोकभवन सभागार में आयोजित जनसभा में समाजवादी पार्टी का नाम लिए बगैर सीएम योगी ने जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में सरकारी नौकरी निकलने पर चाचा और भतीजा झोला लेकर वसूली पर निकल पड़ते थे. जिसकी वजह से प्रदेश का नौजवान ठगा रह जाता था. जबकि आज कोई भर्ती आयोग पर उंगली नहीं उठा सकता है. सीएम ने कहा कि आज प्रदेश में टेक्नोलॉजी के माध्यम से पारदर्शी तरीके से सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया चल रही है. सीएम ने कहा कि पूर्व की बीमार मानसकिता की सरकार ने उत्तर प्रदेश को बीमारू बना दिया था. जबकि भाजपा सरकार ने पिछले 6 वर्ष के अंदर यूपी को बीमारू राज्य की श्रेणी से उबारकर एक सक्षम राज्य बनने की ओर अग्रसर किया है. उन्होंने कहा कि नीति आयोग के आंकड़े इसके गवाह हैं.
आकांक्षात्मक जनपदों का विकासःसीएम योगी ने कहा कि नीति आयोग के आंकड़ों को देखें तो वर्ष 2015-2016 में प्रदेश में पौने छह करोड़ लोग यानी 37.68 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे थे. वहीं, भाजपा सरकार में वर्ष 2019 से 2021 के अंदर ही इसे कम करते हुए 22 फीसदी पर लाने में सफल हुई है. वहीं, आज के समय में यह आंकड़ा मात्र 12 फीसदी पर पहुंच गया है. यह आंकड़ा सभी को आश्चर्य में डालता है. सीएम ने कहा कि जिन जिलों में बहुत कम कार्य हुए थे. उन जिलों को उनकी सरकार ने चिह्नित किया. इसके तहत नीति आयोग द्वारा चयनित 8 आकांक्षात्मक जनपदों के 100 आकांक्षात्मक विकास खंडों का भी चयन किया. इसके बाद नीति आयोग द्वारा निर्धारित किए गए पैरामीटर्स शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि एवं जल संसाधान, कौशल विकास एवं रोजगार और आर्थिक असमानता पर कार्य करना शुरू किया. इसी का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश विकास के पथ पर तेजी के साथ आगे बढ़ पाया है.
मिशन रोजगार और मिशन शक्तिःसीएम योगी ने कहा कि यह कार्यक्रम मिशन रोजगार के साथ-साथ मिशन शक्ति का भी है, क्योंकि इससे प्रदेश की बालिकाएं जुड़ी हुई हैं. यह बालिकाओं को सशक्त बनाएगा. उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल में उनकी सरकार 19 नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम आयोजित कर चुकी है. जिसके तहत लगभग 58 हजार नौजवानों को सरकारी नौकरी दी गई है. अगर सरकार के पास दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो ऐसे ही पारदर्शी तरीके से युवाओं को नौकरी और रोजगार से जोड़ सकती है.