लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व जनसंख्या स्थिरता दिवस पखवाड़ा का शुभारंभ किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सब इस बात को जानते हैं कि सकल जनसंख्या घनत्व का प्रभाव शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर से जुड़ा हुआ है. स्वाभाविक रूप से जब उत्तर प्रदेश की बात करते हैं तो प्रदेश में जनसंख्या का जो घनत्व है और प्रदेश में सकल जन्म दर देश की तुलना में तमाम उपायों के बावजूद अभी भी काफी ज्यादा है. देश के अंदर अगर इसका अनुपात 2.2 है तो प्रदेश के अंदर यह 2.7 तक जाता है. इसका प्रभाव शिशु और मातृ मृत्यु दर पर स्पष्ट दिखाई देता है.
सीएम ने कहा पिछले तीन वर्षों में अधिक प्रयास किए गए, लेकिन उन प्रयासों के बावजूद इस बात को महसूस किया जाता रहा है कि व्यापक जागरूकता के माध्यम से हम प्रत्येक नागरिक के मन में यह भाव जागृत कर सके की जनसंख्या स्थिरीकरण के माध्यम से हम प्रत्येक नागरिक को स्वस्थ और सुंदर परिवार की ओर अग्रसर कर सकते हैं.
सरकार की तरफ से कई कार्यक्रम प्रारंभ किए गए
कोविड-19 के बीच स्वास्थ्य विभाग में यह कार्यक्रम आयोजित किया है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को धन्यवाद देता हूं और बधाई देता हूं. पिछले कुछ समय से अधिक कार्यक्रम प्रारंभ हुए हैं. उन कार्यक्रमों के माध्यम से हम प्रदेश के अंदर मातृ और शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित कर सकते हैं. इस दृष्टि से केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से कई कार्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं.
170 मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित
सीएम योगी ने कहा कि शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने के लिए 53 जिलों में 170 मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित हैं. इनके माध्यम से फरवरी 2020 तक 1 लाख 58 हजार से अधिक लाभार्थियों को ओपीडी के माध्यम से सेवाएं प्रदान की गईं. प्रदेश में गंभीर रोगियों के लिए 250 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस संचालित हैं. मई 2020 तक दो लाख से अधिक रोगियों को लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस से लाभ मिला है. 102 की 2200 यूनिट क्रियाशील हैं.