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UP Budget Session 2023 : सीएम योगी ने कहा-यूपी राम राज्य की धरती, उत्तर प्रदेश रामराज्य से चलेगा

यूपी विधानसभा के बजट सत्र (UP BUDGET SESSION) में बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने बजट की खूबियां विस्तार से साझा कीं. साथ ही नेता प्रतिपक्ष के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल की खामियां गिनाने के साथ सदन में आज उनकी गैरमौजूदगी पर चुटकी ली.

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Published : Mar 1, 2023, 3:32 PM IST

Updated : Mar 1, 2023, 9:52 PM IST

लखनऊ : विधानसभा मे बजट पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुझे बजट पर बात रखने का अवसर दिया गया है उसके लिए धन्यवाद. आज से छह साल पहले उत्तर प्रदेश में जनता जनार्दन ने सबका साथ, सबका विश्वास के मूलमंत्र को अंगीकार करके सत्ता परिवर्ततन किया था. वर्ष 2017 से 2022 तक सरकार ने कार्य किया. वर्ष 2022 मे फिर अवसर मिला. वित्त मंत्री ने सर्व समावेशी समग्र विकास की अवधारण आत्मनिर्भर बजट पेश किया है. पिछले छह वर्ष में प्रदेश का बजट का आकार दोगुना से ज्यादा बढ़ा. वर्ष 2023 का बजट 6.90 लाख करोड़ है. यह उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास, जीडीपी प्रगति को प्रदर्शित करता है, यह जनविश्वास की एक यात्रा है.


नेता सदन ने कहा कि हम 25 करोड़ जनता के लिए इस सदन में बैठे हैं. कल नेता प्रतिपक्ष कह रहे थे कि आप दावोस गए होते तो 50 लाख करोड़ का निवेश आ जाता, आखिर मान गए न कि निवेश आया है. वर्ष 2022 से पहले हमारी पार्टी ने लोक संकल्प पत्र जारी किया था. जिसमें 130 संकल्प शामिल किए गए थे. अब आप सब भी संकल्प पत्र घोषित करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में कर चोरी होती थी. इसके बहुत सारे नमूने आपको मिलेंगे. कैग की रिपोर्ट जैसी कई रिपोर्ट हैं. ये लोग कहते थे कि नोएडा कोई मुख्यमंत्री गया तो लौट्ता नहीं. मैंने कहा था की मैं वापस आऊंगा. इन लोगों ने एक्साइज में हर जिले में माफिया पैदा कर दिया था. आज उसी एक्साइज़ से 45 हजार करोड़ का प्रॉफिट हुआ है.


सीएम ने कहा कि वित्तीय प्रबंधन नमूना 2016 बजट में है. केवल 33% बजट खर्च कर पाए, आज 44% है. प्रदेश मे रोजगार इंफ़्रास्ट्रक्चर की बड़ी धनराशि खर्च हो रही है. हमने MSME को प्रोत्साहित किया. ONE DISTRICT ONE PRODUCT आज आधार बना है. आप वन डिस्ट्रिकट वन प्रोडक्त तो नहीं दे पाए. हां, वन डिस्ट्रकट वन माफिया जरूर कर लिया था. उत्तर प्रदेश की पोटेन्शियल से कैसे लाभ प्राप्त हो इसके लिए हमने कार्य शुरू किया. वन ट्रिलियन इकॉनोमी के लिए हमने 10 सेक्टर चयनित किए हैं. हम चाहते थे कि सस्टेनेबल गोल पर चर्चा हो, लेकिन पिछली बार सपा ही गायब हो गई. केवल शिवपाल जी ही सदन में रहे, बाकी सपा गायब थी. उनकी रुचि विकास के लिए दिखी. बाकी सपा गायब थी तभी तो चुनाव में भी साफ हो गई समाजवादी पार्टी. वर्ष 2017 के पहले चीनी मिलें बिक रही थीं. किसान आत्महत्या कर रहे थे. मंडी शुल्क दो फीसदी था. वर्ष 2017 बाद अन्नदाता किसान सरकार के एजेंडे में आया. हमने 36 हजार करोड़ ऋण माफ किया. 86 लाख किसान लाभान्वित हुए. पीएम किसान निधि में अबतक 12 किस्तों में 51639.68 करोड़ रुपये अन्नदाता किसानों के खाते में गए हैं.


मुख्यमंत्री ने कहा कि चौधरी साहब की रमाला चीनी मिल हमारी सरकार की ही देन है. बस्ती की मुंडेरवा, गोरखपुर की पिपराईच चीनी मिल भी हमारी सरकार द्वारा बनवाई गई. 1 लाख 98 हजार 434.98 करोड़ गन्ना मूल्य भुगतान हुआ है. कुल 5800 से 6000 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य बकाया है. 119 चीनी मिलें चल रही हैं. इसमें करीब 100 चीनी मिलें 10 दिन के अंदर भुगतान कर रही हैं. हमने प्रयागराज कुंभ किया, स्वच्छता को देख दुनिया उमड़ पड़ी थी. पीएम कुसुम योजना में 30 हजार सोलर पम्पों की स्थापना होने जा रही है. खाद्य प्रसंस्करण नीति के लिए धनराशि की व्यवस्था की गई है. वर्ष 2015/16 में भारत सरकार ने 20 कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित करने के लिए कहा था, हम उसे पूरा कर रहे हैं.


नेता सदन ने कहा कि पिछली सरकारे संवेदनहीन थीं. संचारी रोगों से बच्चे काल कवलित होते थे. हमारी सरकार ने उसे नियंत्रित करने का काम किया. पहले विद्युत् वितरण में भेदभाव होता था. आज सभी जनपदों में समान रूप से बिजली दी जा रही है. लखनऊ से कानपुर के बीच ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का कार्य हो रहा है. बलिया गोरखपुर लिंक का कार्य हो रहा है. पहले से उत्तर प्रदेश में इंफ़्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी बेहतर हुई है. महिलाओं के खिलाफ सजा दिलाने में उत्तर प्रदेश नंबर 1 है. हर ग्राम सचिवालय मे मिशन शक्ति योजना चल रही है. यूपी एसएसएफ यूपी एसडीआरएफ का गठन, सात पुलिस कमिश्नरेट का गठन हुआ. ई -प्रोसीक्युशन् मे उत्तर प्रदेश नंबर एक है. बजट में हर सेक्टर, हर योजना, हर व्यक्ति के लिए पैसा है, फिजूल खर्ची नहीं है. एक रिपोर्ट है 2012 से 17 तक प्रदेश में सैफई महोत्सव में 1234 करोड़ रुपये खर्च हुए और हमने 2017 से 22 तक इन्वेस्टर सम्मिट में मात्र 21 करोड़ रुपये खर्च करके प्रदेश को निवेश के बेहतर गंतव्य के रूप में पेश किया.

उन्होंने कहा कि शिवपाल जी से सिर्फ एक बात कहना चाहूंगा. वह पथ क्या, वो पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हों. नाविक की धैर्य परीक्षा क्या, जब धाराएं विपरीत न हों. जो शूल आप लोगों ने बोये थे, उन्ही शूलों को रोलर और बुलडोजर चलाकर हम प्रदेशवासियों के लिए फूल उगाने का काम हो रहा है. इसीलिए ये देश, प्रदेश रामराज्य से ही चलेगा. यह रामराज्य की अवधारणा को पूरा करने वाला बजट है. समाजवाद दुनिया में कहीं भी समृद्धि नहीं ला पाया है. शिवपाल जी के पास इस समय समाजवाद का असली मॉडल है. ये एक बहरूपिया ब्रांड है. उन्होंने कहा कि आपकी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी कहां गई. यहां लोकतान्त्रिक समाजवाद भी है, प्रजा तांत्रिक समाजवाद भी है और पारिवारिक समाजवाद भी है. इसीलिए ये कहा गया कि ये मृग तृष्णा है. ये अमीरों को गरीब बनाती है. गरीबों को गुलाम, बुद्धिजीवियों को बेवकूफ़ बनाती है. केवल नेताओं को अपने लोगों को शक्तिशाली बनाने का आज के समय का सबसे बड़ा पाखंड है समाजवाद. भारत को समाजवाद नहीं चाहिए. उत्तर प्रदेश राम राज्य की धरती है. उत्तर प्रदेश रामराज्य से चलेगा. आर्थिक सम्पन्नता, विकासोन्मुख समाज, राजनीतिक अखंडता का निर्माण, यही प्रत्येक नागरिक के जीवन में खुशहाली ला सकता है. हम अपनी विरासत को पहचानें, हमारी क्या विरासत है, हम दूसरी ओर क्यों देखें? भगवान राम-कृष्ण यहां पैदा हुए, भगवान शिव की काशी विश्वनाथ धाम यहां है, गंगा यमुना की भूमि यहां है. दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन कुंभ यहां होता है. उसके लिए सरकार ने अभी से बजट का प्रावधान किया है.

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Last Updated : Mar 1, 2023, 9:52 PM IST

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