लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को टीम-9 के साथ बैठक कर कोविड व्यवस्था की समीक्षा की. सीएम ने बैठक के दौरान कहा कि विगत चार वर्षों में उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की दिशा में अच्छा कार्य किया है. प्रदेश में 30 नए मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं. चिकित्सा विश्वविद्यालय भी स्थापित हुआ है. उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि निर्माणाधीन कार्यों को तेजी से पूर्ण किया जाए. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि अब ग्रामीण क्षेत्र में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की आवश्यकता है.
'स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीम गठित होगी'
सीएम योगी ने बैठक के दौरान कहा कि विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर का भी अनुमान लगा रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग प्रदेश के सभी जिलों की सीएचसी और पीएचसी में उपकरणों की मरम्मत, क्रियाशीलता, परिसर की रंगाई-पुताई, स्वच्छता और मैन पावर की पर्याप्त उपलब्धता के संबंध में विशेष कार्रवाई करे. इसके लिए एक विशेष टीम गठित हो, जो इसकी सतत मॉनीटरिंग करे. बेसिक शिक्षा विभाग के 'ऑपरेशन कायाकल्प' की तर्ज पर स्वास्थ्य और मेडिकल एजुकेशन विभाग में भी अभियान चला कर व्यवस्था सुदृढ़ की जाए.
'प्रधानों की शपथ ग्रहण में कोरोना प्रोटोकॉल का हो पालन'
सीएम योगी ने बैठक के दौरान कहा कि प्रदेश में नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों और सदस्यों के शपथ ग्रहण और ग्राम पंचायत की पहली बैठक का कार्यक्रम शासन स्तर से घोषित कर दिया गया है, यद्यपि यह कार्यक्रम वर्चुअल होना है, फिर भी यह सुनिश्चित किया जाए कि गांवों में कोविड प्रोटोकॉल का अक्षरशः अनुपालन हो. ग्राम पंचायतों के प्रधान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. कोविड काल में उनकी अतिरिक्त सक्रियता अपेक्षित है. गांवों को कोरोना से सुरक्षित रखने में निगरानी समितियों ने अब तक बहुत सराहनीय भूमिका निभाई है. सीएम ने कहा कि शपथ ग्रहण के उपरांत निगरानी समितियों के मुखिया के रूप में प्रधान गण दायित्व निर्वहन करें. सदस्य गण भी निगरानी समितियों में शामिल होंगे, यथासम्भव पूर्व प्रधानों को भी निगरानी समितियों का हिस्सा बनाया जाए.
'अनाथ बच्चों के भरण-पोषण के लिए जल्द तैयार हो कार्ययोजना'
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड संक्रमण के कारण कई दंपतियों की असमय मृत्यु हुई है. ऐसे अनाथ एवं निराश्रित बच्चों के भरण-पोषण और समुचित देखभाल के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए. कार्ययोजना तैयार करते समय नवजात, शिशु, बालक, किशोर आदि आयु वर्ग की आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाए.
'जिलों में मेडिसिन किट एवं एण्टीजन किट उपलब्ध रहे'
सीएम योगी ने कहा कि ग्रामीण इलाकों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए निगरानी समितियां स्क्रीनिंग का वृहद अभियान चला रही हैं. प्रत्येक लक्षणयुक्त तथा संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति को मेडिसिन किट उपलब्ध करायी जा रही है. रैपिड रिस्पाॅन्स टीम द्वारा लक्षणयुक्त तथा संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों का एण्टीजन टेस्ट किया जा रहा है. सभी जिलों में मेडिसिन किट एवं एण्टीजन किट उपलब्ध रहे. किसी भी जिले में इनकी कमी नहीं होनी चाहिए.
'हर जिले में उपलब्ध कराई जाएं ब्लैक फंगस की दवाएं'
सीएम योगी ने कहा कि पोस्ट कोविड अवस्था में कुछ रोगियों में ब्लैक फंगस का संक्रमण देखने में आ रहा है. ब्लैक फंगस से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार की पूरी व्यवस्था की जाए. ब्लैक फंगस की दवाएं हर जिले में उपलब्ध करा दी गई हैं, निजी अस्पतालों में इस बीमारी का इलाज करा रहे मरीज भी सम्बन्धित मण्डलायुक्त को प्रार्थना पत्र देकर दवा प्राप्त कर सकते हैं.
'दिमागी बुखार से मृत्यु में 95 फीसदी की आई कमी'
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार दशकों तक मासूम बच्चों के असमय काल-कवलित होने का कारण रहे जापानी इंसेफेलाइटिस (दिमागी बुखार) और एईएस पर प्रभावी नियंत्रण कर बच्चों को सुरक्षित जीवन देने की दिशा में उत्तर प्रदेश ने पूरी प्रतिबद्धता से कार्य किया है. आज इस बीमारी से मृत्यु की संख्या में 95 फीसदी तक कमी आ चुकी है. जेई की रोकथाम में हमारा अनुभव कोरोना की तीसरी लहर में अति उपयोगी होगा. सभी मेडिकल कॉलेजों में 100-100 बेड के पेडिएट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट की स्थापना की कार्यवाही तेजी से पूरी की जाए.
ग्रामीण क्षेत्र में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की आवश्यकता: योगी
प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने कोरोना की स्थिति और अपनाए जा रहे उपायों की समीक्षा के लिए टीम -9 के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने कई बिंदुओं पर अधिकारियों को निर्देशित किया. बैठक के दौरान सीएम ने कहा कि यूपी के ग्रामीण क्षेत्र में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की आवश्यकता है.
'वसूली करने वाले अस्पतालों पर हो कार्रवाई'
सीएम योगी ने कहा कि कुछ जिलों में निजी कोविड अस्पतालों द्वारा सरकार द्वारा तय दर से अधिक की वसूली करने की शिकायतें मिल रही हैं. 12 अस्पतालों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है. सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि मरीज और परिजनों का किसी भी प्रकार उत्पीड़न न हो. ऐसे असंवेदनशील अस्पतालों से मरीजों को अन्यत्र शिफ्ट करके, अस्पताल के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाए.
'कर्मचारी की मृत्यु पर परिवार को मिलने वाले लाभ में देरी न हो'
राज्य सरकार के अधीन किसी भी विभाग में कार्यरत किसी कार्मिक की मृत्यु यदि कोविड संक्रमण से हुई हो तो विभाग द्वारा संबंधित परिवार के प्रति पूरी संवेदनशीलता और सहानुभूतिपूर्वक सहयोग किया जाए. अनुग्रह राशि का भुगतान हो या मृतक आश्रित सेवायोजन अथवा अन्य कोई प्रकरण, कोई फाइल लंबित न रहे. सीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि मुख्य सचिव स्तर से इस संबंध में यथोचित आदेश जारी कर व्यवस्था प्रभावी बनाने की कार्यवाही की जाए.