लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में बेसिक शिक्षा विभाग में संचालित योजनाओं की प्रगति और भावी कार्ययोजना की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में विगत छह वर्ष में प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं, जिनके अच्छे परिणाम मिले हैं. विगत 06 वर्षां में प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद तथा माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में 01 लाख 64 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की गयी है. अकेले 11 हजार करोड़ रुपये परिषदीय विद्यालयों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में खर्च किये गए हैं.
सीएम ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ रही है. विगत 06 वर्षां में लगभग 03 वर्ष कोरोना महामारी का सामना करने में व्यतीत हुए. इस दौरान, बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में लगभग 55 से 60 लाख नये बच्चों का नामांकन हुआ. बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या लगभग 01 करोड़ 34 लाख से बढ़कर आज 01 करोड़ 91 लाख से अधिक हो गयी है. इस संख्या को और बढ़ाने के साथ ही ड्रॉप आउट को नियंत्रित किये जाने की आवश्यकता है. इसके लिए अभिभावकों से संवाद तथा तकनीक का प्रयोग किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि डिजिटल लर्निंग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में संसाधनों की उपलब्धता आवश्यक है. ऐसे में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के 2.36 लाख शिक्षकों को टेबलेट उपलब्ध कराया जाए. यह कार्य आगामी सितंबर माह तक पूर्ण हो जाए. शिक्षकों की ट्रेनिंग भी कराई जाए. टेबलेट ने शासकीय कार्यक्रमों/योजनाओं के बारे में जागरूकता सामग्री प्रीलोडेड होनी चाहिए। खरीद प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शी हो.
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए ऑपरेशन कायाकल्प के पहले चरण में किए गए प्रयासों में आशातीत सफलता मिली है. अब हमें इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ शैक्षिक गुणवत्ता, पठन-पाठन का माहौल, तकनीकी दक्षता, डिजिटल लर्निंग, वोकेशनल शिक्षा की ओर बढ़ना होगा. विद्यालयों में 'एट ग्रेड लर्निंग' की अवधारणा के साथ कक्षा-कक्षों का संचालन कराया जाना चाहिए. इसके लिए ऑपरेशन कायाकल्प के दूसरे चरण की शुरुआत की तैयारी करें.
कहा कि हर विद्यालय में साफ-सफाई, शौचालय की अच्छी व्यवस्था हो। कहीं भी शिक्षकों का अभाव न हो. शिक्षक-छात्र का अनुपात मानक के अनुरूप हो.
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