लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (cm yogi) ने शनिवार को टीम-9 के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक करके प्रदेश में कोरोना की परिस्थितियों की समीक्षा की. सीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण (corona virus) की चेन को तोड़ने के लिए टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट की हमारी नीति बेहद कारगर रही है. स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिसकर्मियों, प्रशासन से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी सहित समाज के सभी वर्गों ने कोविड की रोकथाम में सहयोग किया है. इसी का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश में कोविड टेस्ट पॉजिटिविटी दर (covid positivity rate in up) 0.8 प्रतिशत रह गई है, जबकि रिकवरी दर 96.10 प्रतिशत हो गया है.
1 करोड़ 42 लाख लोगों का हुआ टीकाकरण
टीकाकरण, कोविड से बचाव का सुरक्षा कवर है. केंद्र और प्रदेश सरकार सभी नागरिकों को यह सुरक्षा कवर प्रदान करने के लिए प्रयास कर रही है. टीकाकरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. अब तक 34 लाख 24 हजार 355 लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज प्राप्त कर ली हैं. जबकि 1 करोड़ 42 लाख 43 हजार 355 लोगों ने टीके की पहला डोज प्रॉप्त कर ली है. इस तरह, कुल 1 करोड़ 76 लाख 67 हजार 710 लोगों को वैक्सीन का कवर मिल चुका है. 18 से 44 आयु वर्ग के 18 लाख 22 हजार 374 लोगों का अब तक टीकाकरण हो गया है.
राशन वितरण में गड़बड़ी की तो होगी सख्त कार्रवाई
आपदाकाल में सभी प्रदेशवासियों के भरण-पोषण के लिए केंद्र और राज्य सरकार कार्य कर रही है. प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से मई और जून माह में निःशुल्क राशन वितरण किया जा रहा है, जबकि राज्य सरकार जून, जुलाई और अगस्त माह में निःशुल्क राशन वितरित कराएगी. सीएम ने निर्देश दिए हैं कि सभी संबंधित दुकानों पर एक-एक नोडल अधिकारी तैनात किए जाएं. यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी घटतौली न हो. सभी पात्र परिवारों को राशन सुविधाजनक ढंग से मिले. इस कार्य में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी सहयोग का आग्रह किया जाए.
नवनियुक्त सहायक अध्यापकों को समय से वेतन के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में नवनियुक्त शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन का कार्य तेजी से पूरा किया जाए. यह सुनिश्चित करें कि इनके वेतन का भुगतान समय से हो. बता दें कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती हुई है. उन अध्यापकों को अभी वेतन नहीं मिल पाया है. दस्तावेजों के सत्यापन के बजाय पिछले दिनों सरकार ने शपथ पत्र के आधार पर वेतन देने का निर्णय किया था. शासन की तरफ से इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश भी जारी किया गया है. इसी के आधार पर जिलों में वेतन देने की तैयारी चल रही है.
ज्यादा शुल्क लेने वाले अस्पतालों पर होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना आपदाकाल में कुछ निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों के उत्पीड़न की घटनाएं सामने आई हैं. जांच में पाया गया है कि इन अस्पतालों ने शासन द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक की वसूली की है. पीड़ित लोगों से कच्ची रसीद पर अधिक भुगतान लिया गया है. आपदाकाल में इनकी यह कार्यशैली समाज के विरुद्ध है. उन्होंने कहा इसके खिलाफ तमाम शिकायतें प्राप्त हुईं हैं. मुख्यमंत्री ने शासन को स्पष्ट निर्देश दिया है कि प्रदेश के ऐसे सभी निजी अस्पतालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए. ऐसी कार्रवाई हो कि दोबारा इस तरह से कदम उठाने से उनमें डर रहे.