लखनऊ: कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूरा देश आज शहीदों को नमन कर रहा है. यह मेरा सौभाग्य है कि उन शहीद परिवारों से जुड़े हुए सम्मानित सदस्यों को यहां मंच पर सम्मानित किया. लखनऊ के पांच ऐसे भारत माता के सपूत हैं, जिन्होंने दुश्मनों से लड़ते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था. हम सब यह जानते हैं कि भारत माता के महान सपूतों वीर जवानों की सतर्कता, उनकी सजगता और मातृभूमि के लिए उनके समर्पण और अद्भुत बलिदान के कारण ही हम सब न केवल स्वाधीनता का अनुभव करते हैं, बल्कि एक सुरक्षित माहौल में चैन की नींद लेते हैं. चैन से गुजर बसर भी करते हैं. उन्होंने कहा कि पूजा पद्धति कोई भी हो, लेकिन हम सबका धर्म एक है. वह है धर्म राष्ट्र धर्म. इस राष्ट्रधर्म धर्म के लिए हर एक भारतीय को प्राण प्रण से जुटकर अपनी सेना, अपने अर्धसैनिक बलों और सुरक्षा से जुड़े सभी जवानों के मनोबल को सदैव बनाए रखने का पूरा प्रयास करना चाहिए.
देश के बहादुर जवानों ने दुश्मनों को भागने पर किया था मजबूर
सीएम योगी ने कहा कि जब जवान शहीद होता है तो वह कौम को नई जिंदगी देता है. कारगिल की चोटियों पर दुश्मन देश में कब्जा करके वहां से भारतीय सेना को आसानी से निशाना बनाया जाने लगा. दो ढाई महीने के अंदर ही देश के बहादुर जवानों ने दुश्मन को विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वहां से भाग खड़ा होने के लिए मजबूर कर दिया. तबसे भारत कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाता है. भारत अपने खिलाफ बड़े से बड़े षड्यंत्र और दुश्मनों से लड़ने में सक्षम है. देश के 130 करोड़ की आबादी अगर आज अपने आप को सुरक्षित महसूस करती है तो भारत के बहादुर जवानों के पुरुषार्थ का परिणाम है. उनके प्रति सम्मान का भाव रखना, उनके परिजनों को कहीं भी एकांकीपन महसूस न हो, यह देखने के लिए समाज का सम्बल महत्वपूर्ण हो सकता है. हम सबको विस्मृत नहीं करना चाहिए. हमारी प्रार्थना, रहन-सहन, खान-पान अलग हो सकता है. बोली भाषा अलग अलग हो सकती है, लेकिन हमारा धर्म एक है, वह है धर्म राष्ट्र धर्म. इस राष्ट्रधर्म धर्म के लिए हर एक भारतीय को प्राण प्रण से जुटकर अपनी सेना, अपने अर्धसैनिक बलों और सुरक्षा से जुड़े सभी जवानों के मनोबल को सदैव बनाए रखने का पूरा प्रयास करना चाहिए. अपनी पूरी सामर्थ से उन्हें सहयोग करना चाहिए.
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कैप्टन मनोज पांडेय को किया नमन
राज्य सरकार ने विगत चार वर्षों के दौरान महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. खास तौर पर भारत के अंदर हर एक क्षेत्र से सेना में हर प्रकार की भर्तियों के लिए नौजवानों के लिए रास्ता खुल सके, इस दृष्टि से प्रदेश में कमिश्नरी स्तर पर एक नए सैनिक स्कूल खोलने की दिशा में काम कर रहे हैं. हम सब जानते हैं कि देश के अंदर सैनिक स्कूलों का शुभारंभ लखनऊ से होता है. लखनऊ सैनिक स्कूल से कैप्टन मनोज पांडे रहे हैं, जिन्हें कारगिल युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान के लिए भारत का सर्वोच्च परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था. इसलिए कैप्टन मनोज पांडे के नाम पर हमारी सरकार ने लखनऊ सैनिक स्कूल का नामकरण भी किया है.