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कन्नौज के गोबर और इत्र से योगी ने जोड़ी सम्राट पृथ्वीराज फिल्म, निशाने पर रहे अखिलेश

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Published : Jun 2, 2022, 9:43 PM IST

कन्नौज का गोबर या कन्नौज का इत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच बहस का विषय बना हुआ है. इस बीच ही फिल्म सम्राट पृथ्वीराज की चौहान की स्पेशल स्क्रीनिंग हो गई. सीएम योगी ने इस फिल्म के जरिए अखिलेश यादव पर एक बार फिर से निशाना साधा है. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

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कन्नौज के गोबर और इत्र से योगी जोड़ गए सम्राट पृथ्वीराज फ़िल्म

लखनऊ: कन्नौज का गोबर या कन्नौज का इत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच विधानसभा में इस मुद्दे पर बहस हुई थी. यह मुद्दा आज लोक भवन के सभागार में भी पहुंच गया. जहां सम्राट पृथ्वीराज चौहान फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर कन्नौज के इत्र को गोबर से जोड़ दिया. पृथ्वीराज चौहान फिल्म में इतिहास के जो दृश्य दिखाए गए उसमें जयचंद एक अहम किरदार थे. यह वास्तविकता है कि जयचंद कन्नौज के राजा थे. जिन्होंने पृथ्वीराज चौहान के खिलाफ मोहम्मद गौरी की मदद की थी. फिल्म के बाद कन्नौज का जिक्र करके योगी आदित्यनाथ ने कहीं ना कहीं अखिलेश यादव के बयान और जयचंद के किरदार को एक साथ जोड़ने का प्रयास किया.


गौरतलब है कि विधानसभा सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच अलग-अलग बयानों में कन्नौज का जिक्र हुआ है. सरकार ने कन्नौज में एक बड़ा बायोगैस प्लांट बनवाने का ऐलान किया था. जिसमें अखिलेश यादव ने अपना बयान जोड़ते हुए कहा था कि कन्नौज अपने इत्र के लिए मशहूर है. गोबर की बदबू मुख्यमंत्री अपने गोरखपुर ले जाएं. जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि जिनका पूजा पाठ से लेना-देना नहीं है उनको गोबर में बदबू आती है. इसके बाद गुरुवार को जब लोक भवन के सभागार में सम्राट पृथ्वीराज फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग हुई जिसमें यह दिखाया गया है कि जयचंद कन्नौज का राजा था और उसने पृथ्वीराज चौहान को हराने के लिए मोहम्मद गौरी की मदद की. फिल्म के बाद कन्नौज के गोबर इत्र के संबंध में मुख्यमंत्री ने अभिनेता अक्षय कुमार के सामने टिप्पणी की. जिस पर पूरे सभागार में ठहाके लगे.

जिसके बाद एक बार फिर अखिलेश और योगी के बीच कशमकश शुरू हो गई अखिलेश यादव ने लगातार पृथ्वीराज फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग पर सोशल मीडिया पर सवाल उठाए. उन्होंने ट्विटर पर कहा कि इतिहास की कहानियों से ज्यादा वर्तमान में आटे के दाम पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार के समय बनाए गए लोक भवन के सभागार में यह फिल्म मुफ्त में देखी गई. टिकट खरीदी जाती तो अच्छा होता.


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