लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व संग्रहण बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. राजस्व प्राप्तियों से जुड़े विभागों में सभी स्तरों पर सक्रियता लाने के लिए उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को फील्ड विजिट करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख सचिव वाणिज्य कर, प्रमुख सचिव आबकारी, प्रमुख सचिव स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन, प्रमुख सचिव ऊर्जा सभी 18 मंडलों के भ्रमण की व्यवस्था बनाएं. शासन के अधिकारी एक दिन में दो मंडलों का भ्रमण कर विभागीय समीक्षा करें और हर स्तर पर अधिकारियों की जवाबदेही तय करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मंडलों की समीक्षा बैठक अलग-अलग की जाए. एक दिन में दो मंडलों की समीक्षा बैठक संभव हो सके, इसके लिए आवश्यकतानुसार स्टेट हेलीकॉप्टर का प्रयोग किया जाए. मुख्यमंत्री बुधवार को यहां लोक भवन में यह निर्देश दिए हैं.
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सीएम योगी ने कहा कि मंडलीय समीक्षा का कार्यक्रम तय कर इसे 15 जनवरी तक प्रारंभ कर दिया जाए. समीक्षा बैठक के दौरान जनपदीय अधिकारियों को साप्ताहिक लक्ष्य दिए जाएं और मुख्यालय स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा की जाए. अपर मुख्य सचिव वित्त द्वारा प्रगति की माहवार समीक्षा की जाए. उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति की समय-समय पर समीक्षा करेंगे.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी संबंधित विभागों द्वारा कर प्राप्ति के लंबित मामलों के निस्तारण की व्यवस्था बनाई जाए. इस पर विचार करके वन टाइम सेटेलमेंट अथवा कोई अन्य उपयुक्त व्यवस्था की जाए, जिससे लंबित मामलों के निस्तारण के साथ-साथ शासन को राजस्व प्राप्ति भी हो सकेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक बड़ा कंज्यूमर स्टेट है. यहां जीएसटी एवं वैट के माध्यम से राजस्व संग्रह की अपार संभावनाएं हैं. राज्य में वर्तमान में जीएसटी के तहत लगभग 14 लाख व्यापारी पंजीकृत हैं. प्रदेश में पंजीकृत व्यापारियों की संख्या 50 लाख तक की जा सकती है. सीएम योगी ने कहा कि जीएसटी में व्यापारियों का पंजीकरण बढ़ाने के लिए उन्हें इससे होने वाले फायदे की जानकारी दी जानी चाहिए. व्यापारियों को इसके बारे में बताया जाना चाहिए. पंजीकृत व्यापारी को मिलने वाले 10 लाख रुपये के बीमा की भी जानकारी दी जानी चाहिए.