लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के नामी प्राइवेट अस्पताल और एक मेडिकल कॉलेज पर मानव अंगों की तस्करी के गंभीर आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं. बताते चलें कि पिछले महीने की 23 अक्टूबर को मोहनलालगंज के भाजपा सांसद कौशल किशोर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इंटीग्रल अस्पताल और एरा मेडिकल कॉलेज पर मानव अंगों की तस्करी का गंभीर आरोप लगाया था. सांसद ने इस मामले में मुख्यमंत्री के अलावा पुलिस कमिश्नर को भी पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि इस प्रकरण की जांच कराकर अभियोग पंजीकृत किया जाए. इस खबर को 23 अक्टूबर को 'लखनऊः कोविड अस्पताल में शव को भी नहीं बख्शा, सांसद ने लिखा पत्र'शीर्षक से ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था.
सांसद कौशल किशोर ने पत्र लिखकर लगाए थे आरोप
पत्र में सांसद ने एक शिकायतकर्ता के हवाले से संदेह जताया था कि इन अस्पतालों में मृत मरीजों को कोरोना पॉजिटिव बताकर मानव अंगों की तस्करी की जा रही है. उन्होंने लिखा था कि संक्रमित बताकर मरीज के शरीर से अंग निकालकर मानव अंगों की तस्करी का खेल चल रहा है. सांसद के अनुसार, लखनऊ के चिनहट कोतवाली थाना क्षेत्र के पक्का तालाब निवासी शिव प्रकाश पांडेय ने उन्हे अवगत कराया था कि कुर्सी रोड स्थित इंटीग्रल हॉस्पिटल एवं हरदोई रोड-दुबग्गा स्थित एरा मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान साजिशन उनके पुत्र आदर्श कमल पांडेय को जानबूझकर मार डाला गया है. उन्हे संदेह है कि इन अस्पतालों में भर्ती मरीजों को कोरोना पॉजिटिव मरीज घोषित कर उनका मृत शरीर परिवार को न देकर उसके अंग निकालकर मानव अंगों की तस्करी का घृणित खेल खेला जा रहा है.
ये था मामला
चिनहट के पक्का तालाब निवासी शिव प्रकाश पांडे के बेटे आदर्श कमल पांडे को सर्दी और बुखार हुआ. आदर्श ने लोहिया संस्थान में कोरोना की जांच कराई. रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर होम आइसोलेशन में घर पर रहे. तबीयत बिगड़ने पर शिव प्रकाश पांडे ने अपने बेटे को कुर्सी रोड स्थित इंटीग्रल अस्पताल में भर्ती कराया. शिव प्रकाश पांडे का आरोप है कि बेटे को इंटीग्रल अस्पताल में इलाज नहीं मिला और वहां पर उसका काफी उत्पीड़न हुआ. शिव प्रकाश पांडे ने बताया कि उनके बेटे को इलाज के दौरान इंटीग्रल अस्पताल में ऐसी दवाई दी गई, जिससे उनके बेटे की हालत और बिगड़ गई. इसके बाद उन्होंने सीएमओ व डीएम से आग्रह करके अपने बेटे को एरा अस्पताल में भर्ती कराया और वहां भी उसे सही इलाज नहीं मिला, जिसके बाद उसके बेटे की मौत हो गई. मृतक के पिता ने विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक को भी पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया था.
'जानबूझकर बेटे को मारा गया'
शिव प्रकाश पांडे का कहना है कि उनके बेटे को जानबूझकर मारा गया. इस पूरे मामले पर पिता के पत्र को आधार मानते हुए मोहनलालगंज से सांसद कौशल किशोर ने मुख्यमंत्री, पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी एवं चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर मामले की जांच करने की मांग की थी. मृतक के पिता ने कहा कि मुख्यमंत्री पर विश्वास है. मामले की जांच के आदेश हुए, इस बात की खुशी है.