लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर राजस्व वादों के निस्तारण में लेटलतीफी, लापरवाही, अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है. सीएम योगी ने अक्टूबर में राजस्व वादों के खराब निस्तारण पर प्रदेश के सात मंडलायुक्त और सात जिलाधिकारियों से जवाब तलब किया है. वहीं, माना जा रहा है कि जवाब संतोषजनक जवाब न मिलने पर अधिकारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जा सकता है.
अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के विभिन्न राजस्व न्यायालयों में लम्बित राजस्व वादों के त्वरित और समयबद्ध निस्तारण के लिए 60 दिन का विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए थे. साथ ही विशेष अभियान के हर मंगलवार को शासन स्तर पर समीक्षा करने के निर्देश दिए थे. ऐसे में अक्टूबर की समीक्षा बैठक में पाया गया कि प्रदेश के सात मंडलायुक्त (वाराणसी, सहारनपुर, आजमगढ़, बस्ती, चित्रकूट धाम, अयोध्या, अलीगढ़) और सात जिलाधिकारी (बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, हापुड़, चित्रकूट, ललितपुर, अमरोहा) ने राजस्व के लंबित और नए वादों के निस्तारण में लापरवाही बरती है.
इसपर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शासन ने लापरवाह अधिकारियों से जवाब तलब किया है. साथ ही लम्बित राजस्व वादों का मानक एवं निर्धारित लक्ष्य के अनुसार समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित कराने के सख्त निर्देश दिए हैं. वहीं, माना जा रहा है कि जवाब संतोषजनक न मिलने पर बड़ी कार्रवाई की जा सकती है.