लखनऊ :सीतापुर के जिस बाढ़ पीड़ित इलाके में लोग तीन से चार महीने तक घर से बाहर जरूरी काम से भी निकलना पसंद नहीं करते हैं. वहां बच्चों को स्कूल भेजने के बारे में कौन सोचता है, लेकिन बेहटा विकासखंड के ग्राम पिढुरिया की प्रधानाध्यापक रुचि अग्रवाल ने यह मुश्किल काम भी आसान कर दिखाया. अभिभावकों से मिलकर उन्होंने बाढ़ पीड़ित गांव के बच्चों को न केवल स्कूल तक पहुंचाया, बल्कि जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में जीत भी दिलाई.
प्रधानाध्यापक रुचि अग्रवाल को सीएम ने किया सम्मानित. शिक्षिका की मेहनत रंग लाई
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों सम्मान पाने के बाद रुचि अग्रवाल ने बताया कि वह बाढ़ पीड़ित इलाके के स्कूल की प्रधानाध्यापक हैं. पूरे क्षेत्र में ज्यादातर गांव के लोग अपने बच्चों को बाढ़ और बारिश की वजह से स्कूल भेजने से कतराते थे. मैंने गांव में घर-घर जाकर अभिभावकों से बातचीत की, उन्हें इसके लिए तैयार किया कि वो बच्चों को स्कूल पढ़ने के लिए भेजें. मेरी यह कोशिश रंग लाई. स्कूल में बच्चों की तादाद कई गुना बढ़ गई है. अब जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी बच्चे जीत हासिल कर रहे हैं.
गांव के स्कूल को बनाया शहरी स्कूलों की तरह
रुचि ने बताया कि प्राइमरी स्कूल में उन्होंने शहर के पब्लिक स्कूलों की तरह प्ले एरिया भी बनाया है, जहां बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दी जाती है. इसके अलावा कंप्यूटर लैपटॉप, प्रोजेक्टर के जरिए भी बच्चों को आधुनिक ज्ञान-विज्ञान की जानकारी दी जा रही है. इसका असर भी देखने को मिल रहा है, पिछले दिनों जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में स्कूल के बच्चों के प्रदर्शन को जिलाधिकारी सीतापुर ने भी सराहा है.